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राज्यसभा चुनाव परिणाम पर उमर अब्दुल्ला का गुस्सा: “कुछ लोग मीटिंग में आए, खाना खाया और फिर धोखा दिया”

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी की जीत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद थी कि चारों सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत होगी, लेकिन अंतिम क्षणों में “धोखा” मिल गया। उमर अब्दुल्ला ने बिना नाम लिए उन विधायकों पर निशाना साधा, जिन्होंने बीजेपी को वोट देकर उसके उम्मीदवार को जीत दिलाई।

बीजेपी ने अतिरिक्त वोटों के दम पर जीती एक सीट

जम्मू-कश्मीर में इस बार राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव हुआ। इनमें से तीन पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत दर्ज की, जबकि एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमाया। दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी के पास विधानसभा में सिर्फ 28 विधायक हैं, जबकि राज्यसभा चुनाव में उसे चार अतिरिक्त वोट मिले। इन्हीं चार अतिरिक्त मतों की बदौलत पार्टी ने अप्रत्याशित रूप से एक सीट जीत ली।

इन चार क्रॉस वोटों ने पूरे राजनीतिक समीकरण को बदल दिया। अब्दुल्ला का आरोप है कि विपक्षी दलों के कुछ विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर गुप्त रूप से वोट किया, जिससे उनकी पार्टी के चौथे उम्मीदवार को नुकसान हुआ।

“कुछ लोग हमारे साथ मीटिंग में आए, खाना खाया और फिर धोखा दिया”

राज्यसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमने 4-0 से जीतने की कोशिश की, लेकिन आखिर में हमें धोखा मिला। मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि वे लोग कौन थे। अच्छा होता अगर उन्होंने खुले तौर पर कहा होता कि वे भाजपा के साथ जाना चाहते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोग हमारी मीटिंग में शामिल हुए, हमारे साथ बैठकर रणनीति बनाई, हमारे साथ खाना खाया और फिर गुप्त मतदान में जाकर बीजेपी को वोट दे दिया। अगर उनमें हिम्मत होती, तो सामने आकर खुलेआम कहते कि वे भाजपा का समर्थन करेंगे। चोरी-छिपे ऐसा करना राजनीतिक नैतिकता के खिलाफ है।”

अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की। “हमारे एक भी वोट ने पार्टी लाइन से हटकर मतदान नहीं किया। हमारे सभी विधायकों ने अनुशासन के साथ पार्टी के उम्मीदवारों को वोट दिया,” उन्होंने कहा।

किसने किया क्रॉस वोटिंग? अब तक स्पष्ट नहीं

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं, जिनमें फिलहाल 28 बीजेपी के पास हैं, जबकि बाकी सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और अन्य दलों के पास हैं। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को कुल 32 वोट मिले। यानी 4 वोट अतिरिक्त पड़े।

अब सवाल उठ रहा है कि ये चार वोट किसने दिए? सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और पीडीपी के कुछ विधायक गुप्त रूप से भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। हालांकि किसी भी दल ने औपचारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह क्रॉस वोटिंग आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती तीन सीटें, उमर बोले – “हमें अपने विधायकों पर गर्व है”

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्यसभा की तीन सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी को इस बात की संतुष्टि है कि किसी भी विधायक ने पार्टी लाइन से हटकर मतदान नहीं किया।

उन्होंने कहा, “मैं उन सभी विधायकों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशियों की जीत के लिए एकजुटता दिखाई। मैं कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने हमारे उम्मीदवारों का समर्थन किया।”

अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी अनुशासन और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ेगी। “हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हममें से किसी ने भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। जो लोग दोहरा खेल खेलते हैं, उन्हें जनता जल्द ही पहचान लेगी,” उन्होंने जोड़ा।

बीजेपी ने जताई खुशी, कहा — “यह जनता की सोच का परिणाम”

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत को जनता और विधायकों के विश्वास का प्रतीक बताया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि “यह जीत साबित करती है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रति लोगों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। भाजपा के लिए चार अतिरिक्त वोट इस बात का संकेत हैं कि अन्य दलों के भी कई विधायक हमारी नीतियों और नेतृत्व पर विश्वास करते हैं।”

बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि यह जीत राज्य की राजनीति में एक “नए युग की शुरुआत” है, जहां विकास और पारदर्शिता की राजनीति को प्राथमिकता दी जा रही है।

उमर अब्दुल्ला के बयान पर मचा सियासी हंगामा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के तीखे बयान के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने उनके आरोपों को “भावनात्मक प्रतिक्रिया” बताया है, जबकि एनसी के समर्थक विधायकों का कहना है कि पार्टी प्रमुख ने जो कहा वह सच है।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह विवाद आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के राजनीतिक समीकरण को प्रभावित कर सकता है। क्रॉस वोटिंग की वजह से विपक्षी एकता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

क्या बदलेगा जम्मू-कश्मीर का सियासी गणित?

राज्यसभा चुनाव के परिणामों ने साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति में कई विधायक अपने दलों से असंतुष्ट हैं या राजनीतिक भविष्य को लेकर नई दिशा में सोच रहे हैं। बीजेपी की यह अप्रत्याशित जीत आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा मनोबल दे सकती है।

दूसरी तरफ, नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए यह परिणाम चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि भविष्य में गठबंधन सहयोगियों पर पूरी तरह भरोसा करने से पहले सतर्क रहना होगा।

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