🕒 Published 1 month ago (8:06 PM)
उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। सेक्टर-55 स्थित एक वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था, जिसे जानकर किसी का भी दिल दहल जाए। यूपी महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त छापेमारी में इस आश्रम की हकीकत सामने आई। यहां 39 बुजुर्गों को बेहद ही भयावह हालत में पाया गया।
कमरों में कैद, फटे कपड़े, बदबू और गंदगी का आलम
जब टीम ने वृद्धाश्रम “आनंद निकेतन” में प्रवेश किया तो वहां का नजारा देखकर अधिकारी भी सन्न रह गए। एक बुजुर्ग महिला को कमरे में ताले में बंद करके रखा गया था, जबकि बाकी बुजुर्ग तहखाने जैसे अंधेरे और दमघोंटू कमरों में कैद मिले। कई बुजुर्गों के शरीर पर फटे कपड़े थे, कुछ के वस्त्र मल-मूत्र से सने हुए थे और पूरे परिसर में गंदगी और दुर्गंध फैली हुई थी।
महिला आयोग और पुलिस ने किया रेस्क्यू, सभी बुजुर्ग अब सुरक्षित
यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष और पुलिस की टीम ने तत्काल सभी बुजुर्गों को मुक्त कराया और उन्हें चिकित्सकीय देखरेख के लिए सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इन बुजुर्गों को जल्द ही बेहतर सुविधा वाले सरकारी आश्रयगृहों में स्थानांतरित किया जाएगा।
भारी फीस लेकर की जा रही थी क्रूरता
शुरुआती जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आश्रम संचालकों ने हर बुजुर्ग के परिजनों से एडमिशन के समय करीब 2.5 लाख रुपए की मोटी रकम वसूली थी। इसके अलावा उनकी मासिक देखभाल के नाम पर हर महीने 6,000 रुपए लिए जा रहे थे। इसके बावजूद वहां न तो भोजन की उचित व्यवस्था थी, न दवाइयों की, और न ही किसी भी प्रकार की मानवीय देखभाल।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, संचालकों पर होगी सख्त कार्रवाई
नोएडा पुलिस ने आश्रम प्रबंधन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपियों की पहचान कर उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में धोखाधड़ी, गैरकानूनी बंधक बनाना, बुजुर्गों के साथ क्रूरता और मानवाधिकार उल्लंघन जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
महिला आयोग ने जताई कड़ी नाराज़गी
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की टीम ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए सरकार से आश्रम की जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि “यह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि इंसानियत के नाम पर धब्बा है।”
बुजुर्गों की देखभाल पर फिर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर देश में वृद्धों की सुरक्षा और देखभाल व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। अक्सर परिजन बुजुर्गों को भरोसे के साथ वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं, लेकिन कई बार वहां उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है, जो जेलों में कैदियों के साथ भी नहीं होता।