🕒 Published 2 months ago (7:14 AM)
चंडीगढ़ | हरियाणा के किसानों के लिए एक और झटका देने वाली खबर सामने आई है। राज्य में बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से जिन किसानों की गेहूं की फसल जलकर राख हो गई है, उन्हें अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं योजना के तहत बीमा दायरे में नहीं आतीं।
कई जिलों में बड़ा नुकसान
प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल आग की चपेट में आ चुकी है, जिससे अब तक 300 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। अनुमान है कि प्रति एकड़ करीब 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। कैथल, सिरसा और फतेहाबाद जैसे जिलों में सबसे अधिक तबाही देखी गई है।
हाई वोल्टेज लाइनें बनीं आफत
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, खेतों से होकर गुजरने वाली हाई वोल्टेज बिजली की लाइनों से शॉर्ट सर्किट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो आगजनी की प्रमुख वजह बन रही हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक मुआवजा पैकेज घोषित नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस संकट को गंभीर मानते हुए कहा है कि आगजनी की घटनाओं से फसलों, मवेशियों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि नुकसान का पूरा ब्यौरा तैयार कर सरकार को सौंपा जाए ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
किसानों की मांग: सरकार दे राहत पैकेज
किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस संकट को प्राकृतिक आपदा के तौर पर मानते हुए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।