Murshidabad Violence: NHRC और NCW की टीम ने किया दौरा, राज्यपाल बोले – हिंसा और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

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By Rita Sharma

🕒 Published 2 months ago (9:07 AM)

Murshidabad Violence / कोलकाता। मालदा और मुर्शिदाबाद में हाल ही में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीमें जमीनी हकीकत का जायजा लेने पहुंचीं। चार सदस्यीय NHRC और तीन सदस्यीय NCW की टीम ने मालदा के वैष्णवनगर स्थित पार लालपुर स्कूल का दौरा किया और वहां शरण लिए विस्थापित लोगों से मुलाकात की।

महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान के मंदिरपाड़ा और शमशेरगंज में पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और अमानवीय व्यवहार हुआ, जिससे महिलाएं डरी-सहमी हैं और सैकड़ों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। रहाटकर ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा की।

इसके साथ ही महिला आयोग की टीम ने शमशेरगंज के जाफराबाद में हिंसा में मारे गए हरगोविंद दास और चंदन दास के परिजनों से मिलकर संवेदना जताई। हाई कोर्ट के निर्देश पर बनी पुनर्वास समिति के सदस्य – जिसमें NHRC, राज्य मानवाधिकार आयोग और कानूनी सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल हैं – ने भी हिंसा प्रभावितों से बातचीत की।

इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी मालदा का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि हिंसा और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राज्य एवं केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं। राज्यपाल ने राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए रेड क्रॉस से मदद मांगी है और शनिवार को मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने की भी घोषणा की।


इधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया। उन्होंने कहा कि विहिप कार्यकर्ता देशभर के जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के साथ मिलकर दंगे की साजिश रची। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री हिंसा रोकने के बजाय राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान, जंगीपुर समेत कई इलाकों में भयंकर हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।

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