Covid Alert : भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बन रहा है। जनवरी 2025 में अब तक कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 यानी ‘निम्बज’ से 120 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से 4 मौतें दर्ज की गई हैं — दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और पंजाब में एक-एक मरीज की जान गई है। फिलहाल देश में 5608 एक्टिव केस हैं, जबकि गुरुवार को 64 नए संक्रमित मरीज सामने आए।
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क्या है नया वैरिएंट NB.1.8.1 या ‘निम्बज’?
कोरोना का नया वैरिएंट NB.1.8.1, जिसे अनौपचारिक रूप से ‘निम्बज’ और ‘रेजर ब्लेड थ्रोट’ वैरिएंट कहा जा रहा है, तेजी से फैल रहा है। इस वैरिएंट का नाम गले में होने वाली तेज खराश के कारण पड़ा है, जिसे मरीजों ने रेजर ब्लेड जैसी जलन बताया है।
अमेरिका के वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, ऑस्ट्रेलिया, यूके और वर्जीनिया जैसे इलाकों में यह वैरिएंट पाया गया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के अनुसार, अमेरिका में 7 जून तक सामने आए कोविड मामलों में से 37% मामले इसी वैरिएंट के हैं।
भारत में दिखा असर
भारत में भी कुछ मरीजों में इसी तरह के लक्षण सामने आए हैं। ICMR के वैज्ञानिकों ने बताया कि NB.1.8.1 और LF.7 जैसे वैरिएंट्स JN.1 वैरिएंट के म्यूटेशन हैं और इनसे बीमारी की गंभीरता पहले जैसी नहीं है। हालांकि सतर्कता जरूरी है।
निम्बज के लक्षण क्या हैं?
निम्बज के लक्षण अन्य वैरिएंट्स जैसे हैं, लेकिन कुछ अलग लक्षण भी देखे जा रहे हैं:
- गले में तेज खराश (रेजर ब्लेड थ्रोट)
 - बुखार, सर्दी-जुकाम
 - थकान, सिरदर्द
 - खांसी, सांस लेने में दिक्कत
 - मतली, उल्टी, दस्त
 - नाक बहना या जाम होना
कुछ मामलों में एलर्जी जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं। 
कितना खतरनाक है NB.1.8.1?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वैरिएंट ACE2 रिसेप्टर से मजबूती से जुड़ता है, जिससे वायरस शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकता है। इसके A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन इसे अन्य वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा फैलने वाला बनाते हैं।
मौजूदा वैक्सीन कितनी कारगर?
WHO और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा वैक्सीन गंभीर बीमारी से बचाने में कारगर हैं, लेकिन NB.1.8.1 कुछ हद तक इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। यानी पहले संक्रमण या वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा पूरी तरह कारगर नहीं हो सकती।
भारत में मिले 4 नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के अनुसार, भारत में चार नए वैरिएंट LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 पाए गए हैं। इनमें JN.1 फिलहाल सबसे आम है — 50% से ज्यादा केस इसी से जुड़े हैं। इसके बाद BA.2 और ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स हैं।
क्या करें?
- भीड़भाड़ से बचें
 - मास्क पहनें
 - हाथों की साफ-सफाई रखें
 - लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं
 - वैक्सीन की डोज समय पर लें
 
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