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बिहार में MBBS की फीस पर नया विवाद: क्या प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों पर लगेगी सरकारी दर? कोर्ट ने क्या कहा?

पटना : बिहार में नीट (NEET) के ज़रिए MBBS एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फीस वसूलने की बात कही गई थी।

क्या है मामला?

29 जुलाई 2025 को बिहार सरकार ने एक पत्र जारी कर सभी निजी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वे अपनी आधी सीटों पर सरकारी कॉलेजों की तरह ही कम फीस लें। इस फैसले का मकसद था सस्ती मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देना, लेकिन इससे प्राइवेट कॉलेजों में हड़कंप मच गया।

कॉलेजों का तर्क: भारी नुकसान होगा

सहरसा स्थित लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज समेत कई निजी कॉलेजों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज को चलाने के लिए हर साल करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है। अगर सरकार की तय की गई फीस पर चलेंगे, तो उन्हें बाकी सीटों पर फीस 1.5 से 2 करोड़ रुपये तक करनी पड़ेगी — जो आम छात्रों के लिए असंभव होगा।

कॉलेजों का दावा है कि यह नियम न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि कर्मचारियों की नौकरियां भी खतरे में आ जाएंगी। उनका यह भी कहना है कि मेडिकल शिक्षा सेवा का क्षेत्र है, लेकिन ऐसे निर्णय से वह सेवा ही असंभव हो जाएगी।

कोर्ट का फैसला: फिलहाल राहत, लेकिन जवाब ज़रूरी

हाई कोर्ट की जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की बेंच ने फिलहाल सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है और बिहार सरकार व नेशनल मेडिकल कमीशन से इस पर 6 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई अब उसी अवधि के बाद होगी।

छात्रों पर क्या असर पड़ेगा?

यह मामला अभी अधर में है, लेकिन इसका असर सीधे छात्रों और उनके अभिभावकों पर पड़ रहा है। अगर सरकार यह आदेश लागू करवा लेती है, तो आधी सीटों पर पढ़ाई सस्ती हो जाएगी, लेकिन बाकी सीटों पर फीस में ज़बरदस्त बढ़ोतरी संभव है — जिससे MBBS एक बार फिर केवल अमीरों की पहुंच में रह जाएगा।

क्या हो सकता है आगे?

  • यदि सरकार कोर्ट को मजबूत तर्क दे पाती है, तो निजी कॉलेजों को अपनी फीस स्ट्रक्चर में बदलाव करना पड़ सकता है।

  • अगर कॉलेजों का पक्ष मज़बूत रहा, तो यह आदेश स्थायी रूप से रद्द हो सकता है।

फिलहाल सभी की निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं।

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