🕒 Published 4 months ago (5:30 AM)
असम के राभा हसोंग स्वायत्त परिषद (RHAC) चुनावों में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने प्रभावशाली जीत दर्ज की है। 36 में से 33 सीटों पर कब्जा जमाकर, NDA ने अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित की है। इनमें से भाजपा ने 6 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी राभा हसोंग जौथो संग्राम समिति (RHJSS) ने 27 सीटों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस मात्र एक सीट पर सिमट गई, और दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं।
भाजपा की जीत और सीटों का विवरण
भाजपा ने जिन 6 सीटों पर जीत हासिल की, वे हैं:
- कोठाकुथी
- अगिया
- बोंडापारा
- बामुनीगांव
- सिलपुटा
- जॉयरामकुची (यह सीट बिना मुकाबले के जीती गई)
मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) टंकेश्वर राभा ने दक्षिण दुधनोई परिषद निर्वाचन क्षेत्र से फिर से जीत दर्ज की। RHJSS के उम्मीदवार टंकेश्वर राभा को 7,164 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के संजीब कुमार राभा को 1,593 वोट प्राप्त हुए।

कांग्रेस को झटका
कांग्रेस पार्टी के लिए यह चुनाव निराशाजनक रहा, क्योंकि वह केवल एक सीट जीत सकी। चुनाव से पहले, कांग्रेस के दो उम्मीदवारों—भोगलाल राभा (खालिहाकोट निर्वाचन क्षेत्र) और हरेस्वर बरो (हाहिम)—ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी, जिससे पार्टी की स्थिति और कमजोर हो गई।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस जीत को “असम में एक और भगवा लहर” करार दिया और कहा, “हम राभा हसोंग स्वायत्त परिषद के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने एक स्वर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कल्याणकारी नीतियों का समर्थन किया है।”
राभा हसोंग स्वायत्त परिषद का परिचय
राभा हसोंग स्वायत्त परिषद की स्थापना 1995 में असम सरकार द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य राभा समुदाय के आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना है। इस परिषद का क्षेत्र गोलपाड़ा और कामरूप जिलों में फैला हुआ है।
पंचायत चुनाव की घोषणा
असम राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनावों की तिथियों की घोषणा की है। पहला चरण 2 मई को 14 जिलों में और दूसरा चरण 7 मई को शेष 13 जिलों में होगा। मतगणना 11 मई को की जाएगी। इन चुनावों में 1.80 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
निष्कर्ष
राभा हसोंग स्वायत्त परिषद चुनावों में NDA की यह जीत असम की राजनीति में भाजपा और उसके सहयोगियों की बढ़ती पकड़ को दर्शाती है। कांग्रेस के लिए यह परिणाम आत्ममंथन का विषय है, जबकि भाजपा के लिए यह आगामी पंचायत चुनावों में उत्साहवर्धक संकेत है।
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