🕒 Published 3 months ago (10:11 AM)
चंडीगढ़। हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने किसानों को रासायनिक खाद से राहत देने और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने फैसला लिया है कि जो किसान अपनी ज़मीन पर ढेंचा फसल उगाएंगे, उन्हें प्रति एकड़ 1,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
कृषि मंत्री ने दी योजना की जानकारी
राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि इस साल राज्य में 4 लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधीकरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें ढेंचा फसल को प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
ढेंचा फसल क्यों है खास?
ढेंचा एक फलीदार फसल है, जिसे कटाई से पहले मिट्टी में मिला दिया जाता है। इससे जैविक खाद तैयार होती है जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, नमी बनाए रखती है और रासायनिक खाद की आवश्यकता को कम करती है। यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भी मदद करती है जिससे उत्पादन की लागत घटती है और उत्पादकता में सुधार होता है।
पहली बार लागू हो रही है योजना
यह योजना हरियाणा में पहली बार लागू की जा रही है। कृषि मंत्री का कहना है कि इससे लाखों किसान लाभान्वित होंगे और प्रदेश में हरित क्रांति को नया बल मिलेगा। कृषि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि ढेंचा जैसी फसलों को अपनाने से मिट्टी की संरचना सुधरती है और लंबे समय तक उपजाऊ बनी रहती है।