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Naxali Surrender: गढ़चिरौली में 12 हार्डकोर नक्सलियों ने किया सरेंडर, सीएम फडणवीस बोले – ‘नक्सलवाद की कमर अब टूट चुकी है’

गढ़चिरौली, महाराष्ट्र। Naxali Surrender: महाराष्ट्र के उग्रवाद प्रभावित गढ़चिरौली जिले में नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी कामयाबी दर्ज की गई है। शुक्रवार, 6 जून को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 12 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। सीएम ने इस मौके पर कहा कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम दौर में है, और अब इस विचारधारा पर भरोसा करने वालों की संख्या तेजी से घट रही है।

सीएम फडणवीस का बड़ा बयान – ‘जो बचे हैं, वे या तो सरेंडर करें या खत्म कर दिए जाएंगे’

गढ़चिरौली में हुए इस सरेंडर कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब जो माओवादी बचे हैं, उनके पास दो ही विकल्प हैं—या तो सरेंडर करें या फिर सुरक्षा बलों की कार्रवाई का सामना करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति के तहत सरेंडर करने वालों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा, लेकिन जो हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे, उन्हें गिरफ्तार कर खत्म कर दिया जाएगा।

गढ़चिरौली में सरेंडर, नक्सली हिंसा के अंत की ओर बढ़ते कदम

गढ़चिरौली महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित है और लंबे समय से नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 12 कट्टर नक्सलियों का आत्मसमर्पण माओवादी संगठन के भीतर चल रहे असंतोष और भय को दर्शाता है। इनमें से कई के सिर पर एक करोड़ रुपये तक का इनाम था।

सीएम ने इसे माओवादियों के बीच विचारधारा से मोहभंग और राज्य की प्रभावी नीति का परिणाम बताया।

पूर्व नक्सलियों की नई शुरुआत, सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए सीएम

इस कार्यक्रम के दौरान एक सामूहिक विवाह समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें 13 पूर्व नक्सली जोड़ों ने विवाह के बंधन में बंधते हुए सामान्य जीवन की नई शुरुआत की। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन जोड़ों को बधाई दी और कहा कि “जो लोग कभी जंगलों में हथियार लेकर सरकार से लड़ते थे, आज वे शांति से एक नई जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं। यह हमारे समाज और प्रशासन के लिए गर्व का विषय है।”

छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़ी कार्रवाई

महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण की यह खबर ऐसे वक्त पर आई है जब पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान अपने चरम पर है। हाल ही में बीजापुर जिले में मुठभेड़ के दौरान 40 लाख के इनामी नक्सली नरसिंह चालम उर्फ सुधाकर को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। इसके अलावा, 21 मई को माओवादी महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था।

इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की मौत को सुरक्षा एजेंसियां माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ने वाली कार्रवाई मान रही हैं। खासतौर से दंडकारण्य क्षेत्र—जो छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से सटा इलाका है—वहां माओवादी नेटवर्क को जबरदस्त झटका लगा है।

नक्सलवाद की समाप्ति की ओर बढ़ता भारत

गढ़चिरौली में हुए सरेंडर और छत्तीसगढ़ में हुए एनकाउंटर न केवल माओवादियों के संगठनात्मक ढांचे को तोड़ रहे हैं, बल्कि युवाओं के सामने एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की तस्वीर भी पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने दो टूक कहा कि “अब यह स्पष्ट है—नक्सलवाद का अंत नजदीक है।”

Isha prasad

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