Home » Blogs » Navratri 2025 – 5वां दिन: स्‍कंदमाता की पूजा से संतान सुख के योग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र और आरती

Navratri 2025 – 5वां दिन: स्‍कंदमाता की पूजा से संतान सुख के योग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र और आरती

नई दिल्ली: नवरात्रि 2025 का पांचवां दिन खासतौर पर स्‍कंदमाता माता को समर्पित है। इस दिन माता को प्रसन्न करने से संतान सुख, परिवार में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। स्‍कंदमाता माता भगवान कार्तिकेय की माता मानी जाती हैं और उनकी पूजा से भक्तों के घर में खुशहाली आती है।


पूजा का महत्व

स्‍कंदमाता माता को दुर्गा के पांचवें स्वरूप के रूप में जाना जाता है। उनके स्वरूप में माता अपने गर्भ में भगवान स्कंद को धारण किए हुए दिखाई देती हैं। मान्यता है कि जो भक्त स्‍कंदमाता की पूजा विधिपूर्वक करता है, उसके जीवन में संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।


आज का शुभ मुहूर्त

5वें नवरात्रि दिन स्‍कंदमाता पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • पूजा प्रारंभ: सुबह 06:45 बजे

  • पूजा समाप्ति: सुबह 08:30 बजे

भक्त इस समय में माता की विधिपूर्वक पूजा और ध्यान कर सकते हैं।


पूजा सामग्री और भोग

  • फूल (कमल, गुलाब)

  • सिंदूर, हल्दी, चावल

  • दीपक और अगरबत्ती

  • मिठाई, फल और हलवा भोग के लिए

  • दूध, घी और तिल

भोग अर्पित करते समय माता को अपनी इच्छाओं और विशेष रूप से संतान सुख की कामनाओं का स्मरण करना चाहिए।


स्‍कंदमाता मंत्र

भक्तों को माता को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए:
“ॐ देवी स्कंदमातायै नमः”
मंत्र का उच्चारण 108 बार करने से विशेष लाभ होता है।


आरती

स्‍कंदमाता माता की आरती में दीप जलाकर उनका ध्यान किया जाता है। आरती के दौरान भजन और कीर्तन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माता की कृपा बनी रहती है।


विशेष उपाय:

  • माता को तिल और हलवा अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • संतान प्राप्ति की कामना वाले दंपत्ति को इस दिन हनुमान चालीसा और स्‍कंदमाता का पूजन करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

  • भक्त दिनभर माता की पूजा कर, उनके चरणों में जल, पुष्प और भोग अर्पित करें।


नवरात्रि 2025 का पांचवां दिन स्‍कंदमाता माता को समर्पित है। इस दिन की विधिपूर्वक पूजा से संतान सुख के योग बनते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। शुभ मुहूर्त, मंत्र और भोग का ध्यान रखते हुए पूजा करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

यह भी पढ़े : नवरात्रि 2025: आज मां कुष्मांडा की होगी पूजा, जानें विधि, मंत्र और कथा

अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!
0Shares
Scroll to Top