नवरात्रि 2025: नवरात्रि के दौरान पूजा विधि और सही समय (मुहूर्त)

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By Pragati Tomer

🕒 Published 3 months ago (5:58 AM)

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के दौरान पूजा विधि और सही समय (मुहूर्त)

चैत्र नवरात्रि 2025 का पर्व 30 मार्च से आरंभ हो रहा है, और यह नौ दिनों का पर्व शक्ति की देवी माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का विशेष अवसर है। इस पावन समय में देवी माँ की पूजा, व्रत और साधना का विशेष महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु के आगमन के साथ मनाई जाती है और इसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार नववर्ष का भी प्रतीक माना जाता है। इस नवरात्रि में पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त का पालन करके आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि 2025 का महत्त्व और पूजा की शुरुआत

चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से होगी और इसका समापन 7 अप्रैल को राम नवमी के दिन होगा। यह नवरात्रि का समय देवी दुर्गा की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है, जिसमें श्रद्धालु उपवास रखते हैं, देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और अपने जीवन को शुद्ध और आध्यात्मिक बनाने का प्रयास करते हैं।

नवरात्रि 2025 के दौरान, घट स्थापना (कलश स्थापना) की विधि सबसे पहले की जाती है और इसे शुभ मुहूर्त में करना अति महत्वपूर्ण होता है। घट स्थापना को घर में शक्ति का प्रवेश माना जाता है, जो माँ दुर्गा की कृपा का प्रतीक है।

चैत्र नवरात्रि 2025: पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि 2025 में पूजा की सही विधि का पालन करके माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जो नवरात्रि के पूरे नौ दिनों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है।

घट स्थापना की विधि (कलश स्थापना)

  1. पूजा स्थल की सफाई: पूजा से पहले उस स्थान की सफाई करें जहाँ घट स्थापना करनी है। यह स्थान स्वच्छ और पवित्र होना चाहिए।
  2. कलश की स्थापना: कलश को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करें और उसमें पानी भरें। इसमें सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें। फिर कलश के ऊपर आम के पत्ते रखें और नारियल स्थापित करें।
  3. माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र: पूजा स्थल पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखें और उनके समक्ष दीप जलाएं।
  4. मंत्र जाप: घट स्थापना के समय माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” मंत्र का जाप करें।
  5. दीप और धूप जलाएं: घट स्थापना के बाद दीप और धूप जलाकर माँ दुर्गा की आरती करें।

चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 2025 में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इस बार घट स्थापना का समय 30 मार्च 2025 की सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे के बीच रहेगा। इस समय पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन और देवी के नौ स्वरूप

चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन देवी दुर्गा के एक विशेष रूप की पूजा की जाती है। यह नौ दिन माँ के नौ शक्तिशाली स्वरूपों के प्रति समर्पित होते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  1. प्रथम दिन (30 मार्च)शैलपुत्री: माँ शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं।
  2. द्वितीय दिन (31 मार्च)ब्रह्मचारिणी: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, जो साधना और तप की देवी हैं।
  3. तृतीय दिन (1 अप्रैल)चंद्रघंटा: माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो शांति और साहस की प्रतीक हैं।
  4. चतुर्थ दिन (2 अप्रैल)कूष्माण्डा: माँ कूष्माण्डा की पूजा होती है, जिन्होंने सृष्टि का निर्माण किया।
  5. पंचमी दिन (3 अप्रैल)स्कंदमाता: माँ स्कंदमाता की पूजा होती है, जो ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं।
  6. षष्ठी दिन (4 अप्रैल)कात्यायनी: माँ कात्यायनी की पूजा होती है, जो साहस और युद्ध की देवी मानी जाती हैं।
  7. सप्तमी दिन (5 अप्रैल)कालरात्रि: माँ कालरात्रि की पूजा होती है, जो नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं।
  8. अष्टमी दिन (6 अप्रैल)महागौरी: माँ महागौरी की पूजा होती है, जो करुणा और शांति की देवी हैं।
  9. नवमी दिन (7 अप्रैल)सिद्धिदात्री: माँ सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो सभी सिद्धियों की दात्री हैं।

नवरात्रि 2025

चैत्र नवरात्रि 2025 में व्रत रखने का महत्त्व

चैत्र नवरात्रि में व्रत रखने का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान उपवास करने से तन और मन की शुद्धि होती है। इस नवरात्रि में व्रत रखने से आत्मा का शुद्धिकरण होता है और व्यक्ति को देवी माँ का आशीर्वाद मिलता है। व्रत के नियम सरल होते हैं, जैसे केवल फलाहार करना और सात्विक भोजन का सेवन करना। यह व्रत आत्मसंयम और धैर्य की परीक्षा होती है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है।

चैत्र नवरात्रि 2025 में पूजा सामग्री

नवरात्रि के दौरान पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • गंगाजल
  • आम के पत्ते
  • नारियल
  • चावल (अक्षत)
  • सुपारी और सिक्के
  • दीपक और तेल
  • अगरबत्ती और धूप
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र
  • लाल चुनरी
  • फूलों की माला
  • मिठाई (माँ को भोग लगाने के लिए)

दुर्गा सप्तशती का पाठ

चैत्र नवरात्रि 2025 के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यधिक फलदायक माना जाता है। दुर्गा सप्तशती के पाठ से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ दूर होती हैं और माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस पाठ को करने से माँ दुर्गा की शक्तियों का आवाहन किया जाता है और इसे नवरात्रि के नौ दिनों में किसी भी समय किया जा सकता है।

कन्या पूजन

नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन नौ कन्याओं को भोजन कराकर माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इन कन्याओं को माँ दुर्गा का रूप मानकर पूजा जाता है और उन्हें विशेष आदर के साथ भोजन कराया जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. पूजा में शुद्धता: पूजा स्थल और अपने मन की शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
  2. ध्यान और साधना: नवरात्रि के दौरान ध्यान और साधना करने से मन की शांति प्राप्त होती है।
  3. सात्विक आहार: नवरात्रि में केवल सात्विक आहार का ही सेवन करें। तामसिक भोजन से बचें।
  4. दान और सेवा: इस समय दान और सेवा करना भी अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है।

निष्कर्ष

चैत्र नवरात्रि 2025 का पर्व आपके जीवन में शक्ति, शांति, और समृद्धि लेकर आए। इस नवरात्रि में पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त का पालन करके आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्व आध्यात्मिक उन्नति और आत्मशुद्धि का समय होता है, जिसे ध्यान, साधना, और व्रत के साथ मनाना चाहिए।

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