प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने पूर्वोत्तर भारत दौरे के तहत अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में 5,125 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने राज्य के व्यापारियों और टैक्स दाताओं से संवाद किया और नई जीएसटी दरों को लेकर उनकी प्रतिक्रियाएं जानीं।
विषयसूची
अरुणाचल को पहले से ज्यादा फंड मिलने का दावा
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को जो टैक्स से हिस्सा देती है, उसमें भाजपा सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को बीते 10 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का हिस्सा दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी, तब इसी अवधि में राज्य को केवल 6,000 करोड़ रुपये ही दिए गए थे। इस आधार पर उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने अरुणाचल को 16 गुना अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की है।
तातो और हीओ पनबिजली परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने शियोमी जिले में यारजेप नदी पर बनने वाली दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें 186 मेगावाट की तातो परियोजना शामिल है, जो अरुणाचल सरकार और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) द्वारा संयुक्त रूप से 1,750 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है। यह परियोजना सालाना लगभग 802 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करने में सक्षम होगी।
वहीं, दूसरी 240 मेगावाट की हीओ परियोजना भी राज्य सरकार और नीपको के सहयोग से 1,939 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी। इससे हर साल लगभग 100 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन की उम्मीद है।
पर्यटन और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
मोदी ने तवांग जिले में पीएम-देवाइन योजना के अंतर्गत 145.37 करोड़ रुपये की लागत से बने कन्वेंशन सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। यह सेंटर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त है और इसकी क्षमता 1,500 से अधिक लोगों की है। इसका उद्देश्य क्षेत्र के पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।
अन्य विकास परियोजनाओं की शुरुआत
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में कुल 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत की। इन पहलों से राज्य में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलने और जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
नॉर्थ ईस्ट को लेकर प्रधानमंत्री का विशेष लगाव
अपने भाषण में मोदी ने कहा कि उन्हें नॉर्थ ईस्ट भारत दिल से प्रिय है, और इसी वजह से उन्होंने अपने सभी मंत्रियों को क्षेत्र का दौरा अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वे स्वयं 70 से अधिक बार पूर्वोत्तर भारत का दौरा कर चुके हैं।
यह भी पढ़े : “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” से नीतीश बनाएंगे महिलाओं को सशक्त, देंगे 10-10 हजार रुपये
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

