भोपाल। कटनी की 28 वर्षीय अर्चना तिवारी का लापता होना अब एक पेचीदा मिस्ट्री बन चुका है। इंदौर में सिविल जज बनने की तैयारी कर रही अर्चना रक्षाबंधन पर घर लौटने के लिए ट्रेन में सवार हुई थीं, लेकिन सफर के दौरान उनका कोई पता नहीं चल पाया। भोपाल में आखिरी बार मोबाइल कॉल मिली, जबकि उनका बैग उमरिया स्टेशन पर मिला, पर अर्चना का कहीं पता नहीं चला।
अर्चना मंगलनगर, कटनी की रहने वाली हैं और इंदौर में पढ़ाई कर रही थीं। सात अगस्त की शाम वह नर्मदा एक्सप्रेस की एसी कोच B3 में बर्थ नंबर 3 पर बैठकर इंदौर से कटनी के लिए रवाना हुई थीं। यात्रा के दौरान उन्होंने भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर अपनी चाची से रात करीब 10:20 बजे आखिरी बातचीत की। इसके बाद उनका मोबाइल बंद हो गया।
अगले दिन सुबह जब ट्रेन कटनी पहुंची, तो अर्चना नहीं उतरीं। उनके बैग की खोज उमरिया स्टेशन पर हुई, लेकिन उनका कहीं सुराग नहीं मिला। इस मामले में कटनी जीआरपी ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। डायरी अब भोपाल जीआरपी को भेजी गई है, क्योंकि मोबाइल की अंतिम लोकेशन भोपाल की मिली है।
परिवार का कहना है कि अर्चना पढ़ाई में हमेशा अव्वल रही हैं। एलएलएम की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने जबलपुर हाईकोर्ट में तीन साल प्रैक्टिस की, और आठ महीने पहले इंदौर आकर सिविल जज की तैयारी शुरू की। पुलिस जांच में सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और अन्य सबूतों को खंगाला जा रहा है।
एक होनहार छात्रा का अचानक लापता होना सिर्फ एक आम गुमशुदगी का मामला नहीं है, बल्कि कई सवालों को जन्म देता है। क्या अर्चना किसी साजिश का शिकार हुईं या जान-बूझकर कहीं चली गईं? जांच अभी जारी है। परिवार और पूरा समुदाय उनकी सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए हुए है।
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