गाजा में शांति लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विस्तृत पीस प्लान पेश किया। इस योजना के बाद सभी की नजरें मुसलिम बहुल देशों की ओर थीं कि वे इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।
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मुस्लिम देशों का संयुक्त बयान
ट्रंप के प्रस्ताव के तुरंत बाद सऊदी अरब, जॉर्डन, UAE, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, कतर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया और गाजा में युद्ध रोकने के लिए उनकी ईमानदारी की सराहना की।
हमास को ट्रंप की चेतावनी
जहां मुस्लिम देशों ने समर्थन जताया, वहीं हमास ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। ट्रंप ने हमास को तीन से चार दिन का समय दिया है कि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमास ने इसे नहीं माना तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ट्रंप का कहना है कि अगर हमास इसे स्वीकार करता है तो फिलिस्तीन के लिए अलग राज्य बनाने का रास्ता खुल सकता है।
प्रस्ताव की मुख्य बातें
ट्रंप के 20 पॉइंट्स वाले प्रस्ताव में बंधकों की तुरंत रिहाई, गाजा का पुनर्निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना और टू नेशन थ्योरी को लागू करने जैसे बिंदु शामिल हैं।
हमास की स्थिति
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, कतर और मिस्र ने हमास को इस योजना की पूरी जानकारी दे दी है। हमास ने कहा है कि वह इसे विचार करेगा और फिर कोई निर्णय लेगा। अगर हमास इसे स्वीकार करता है तो यह गाजा में युद्ध रोकने की दिशा में बड़ा कदम होगा। मुस्लिम देशों ने कहा कि वे चाहते हैं कि गाजा के लोगों को सभी आवश्यक चीजें मिलें और उन्हें उनके घरों से नहीं निकाला जाए।
मुस्लिम देश और इज़राइल के रिश्ते
संयुक्त बयान पर साइन करने वाले मिस्र, जॉर्डन, UAE और तुर्की के इज़राइल के साथ मध्यम संबंध हैं। वहीं, कतर और सऊदी अरब के रिश्ते फिलहाल इज़राइल के साथ तनावपूर्ण हैं। हालांकि सऊदी अरब चाहता है कि भविष्य में इज़राइल के साथ रिश्ते सुधरें।
आगे का रास्ता
बड़ी मुस्लिम देशों के समर्थन के साथ, ट्रंप का गाजा पीस प्लान शांति और पुनर्निर्माण के लिए एक रूपरेखा पेश करता है। अब अगला महत्वपूर्ण कदम हमास पर है, जिसकी प्रतिक्रिया इस प्रयास की सफलता तय करेगी।
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