Murshidabad Violence
दिल्ली 21 अप्रैल 2025। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) एक्ट के विरोध के दौरान भड़की हिंसा अब गहरी जांच के घेरे में आ चुकी है। इस घटना ने जहां राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
35 संदिग्धों की पहचान, अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का शक
एसआईटी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि हिंसा में शामिल 35 संदिग्धों की पहचान की गई है। जानकारी के अनुसार, इनमें से अधिकतर आरोपी सीमा पार से भारत में घुसे थे। ये संदिग्ध प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े पाए गए हैं, जो कि बांग्लादेश आधारित संगठन है।
अब तक 290 गिरफ्तारियां, जांच में तेजी
पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। अब तक मुर्शिदाबाद हिंसा के मामले में कुल 290 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह सुनियोजित हिंसा थी, जिसमें बाहरी तत्वों की भूमिका भी अहम रही।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से कराई जाए। साथ ही, याचिका में राज्य सरकार से कानून-व्यवस्था की नाकामी पर जवाब मांगे जाने की अपील भी की गई है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस हिंसा को लेकर राज्य की राजनीति भी गरमा गई है। वामपंथी दल माकपा ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए माहौल को बिगाड़ा।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने जताई चिंता
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वहां महिलाओं से बातचीत की। उन्होंने राज्य सरकार से पीड़ितों की सहायता के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की है। आयोग द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन को सौंपी जाएगी।
राहत शिविरों में शरण ले रहे लोग
महिला आयोग की टीम ने मालदा जिले के वैष्णवनगर में राहत शिविरों का भी दौरा किया, जहां बड़ी संख्या में हिंसा से प्रभावित लोग, विशेषकर महिलाएं और बच्चे, शरण लिए हुए हैं। राहत और पुनर्वास की व्यवस्था अभी भी प्राथमिकता में है।
तीन लोगों की मौत, कई घायल
हिंसा की इस घटना में तीन लोगों की जान जा चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। साथ ही, बड़ी मात्रा में निजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
मुर्शिदाबाद की हिंसा ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा और सीमा नियंत्रण पर कई गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र और सुप्रीम कोर्ट की नजरें अब इस पर टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में कई अहम खुलासे संभव हैं।
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