🕒 Published 1 month ago (12:31 PM)
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए आपत्तिजनक बयान को लेकर सख्त रुख अपनाया। हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच, जिसमें जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला शामिल हैं, ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को चार घंटे के भीतर मंत्री शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अगर निर्धारित समयसीमा में एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो कोर्ट डीजीपी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करेगा। कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के बयान को “भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा” बताया और इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला माना।
कोर्ट ने पाया कि प्रथम दृष्टया भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 152, 192, 196(1)(बी), और 197(1)(सी) के तहत मंत्री के बयान अपराध की श्रेणी में आते हैं। धारा 152 देश की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्यों से जुड़ी है, जबकि धारा 192 धर्म, जाति या भाषा के आधार पर समुदायों में वैमनस्य फैलाने से संबंधित है।
कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी, जो इस्लाम धर्म को मानने वाली भारतीय सेना की अधिकारी हैं, को “आतंकवादियों की बहन” कहे जाने को इन धाराओं के अंतर्गत दंडनीय माना है।
विवादित बयान विजय शाह ने रविवार को इंदौर जिले के महू के रायकुंडा गांव में एक जनसभा के दौरान दिया था। उनका कहना था, “उन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारे हिंदू भाइयों के कपड़े उतार-उतार कर मारा, और मोदी जी ने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी की तैसी कर दी…”
यह वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद राजनीतिक विवाद और कानूनी कार्रवाइयों की शुरुआत हुई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस बयान को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और जीतू पटवारी सहित कई नेताओं ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। फिलहाल रोजनामचा में इस शिकायत को दर्ज किया गया है।
भाजपा नेतृत्व की कार्रवाई
भाजपा आलाकमान ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री विजय शाह को तत्काल प्रदेश कार्यालय तलब किया। संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंत्री को बयान पर फटकार लगाई। शाह हवाई चप्पल में ही दफ्तर पहुंचे और अपनी सफाई में कहा कि उनका बयान “दुखी मन से” था और गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने आगे ऐसी गलती न दोहराने का वादा किया और माफी मांगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने भी इस बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान महिला गरिमा के खिलाफ हैं और पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।