🕒 Published 4 months ago (7:12 AM)
पंजाब के मोहाली जिले के कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में स्वंयभू पास्टर बजिंदर सिंह को रेप मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रभर की सजा सुनाई। इस फैसले से पीड़ित महिला को न्याय मिला, जिसने साल 2018 में पास्टर पर गंभीर आरोप लगाए थे। सजा सुनाए जाने के वक्त पीड़ित महिला भी कोर्ट में मौजूद थी और उसने अपनी कठिन यात्रा के बारे में मीडिया से बात की। 7 सालों से जारी इस लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, आखिरकार महिला को न्याय मिल पाया। महिला ने कहा, “मैंने 7 साल तक इस लड़ाई को लड़ा और अब जाकर न्याय मिला है।”
मामला क्या था?
यह मामला 2018 में सामने आया था जब मोहाली के जीरकपुर की महिला ने पास्टर बजिंदर सिंह पर रेप करने का आरोप लगाया। पीड़िता के अनुसार, पास्टर ने उसे विदेश भेजने का वादा किया था, लेकिन बाद में मोहाली के सेक्टर 63 स्थित अपने घर में उसे फंसा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। न केवल यह, बल्कि आरोपी ने पीड़ित महिला का वीडियो भी बना लिया और उसे धमकी दी कि अगर उसने उसकी बातों का पालन नहीं किया, तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देगा।
कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और पास्टर बजिंदर सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया। इस मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पास्टर को उम्रभर की सजा सुनाई, जो एक बड़ा संदेश है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पीड़िता की लंबी लड़ाई
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, “मैंने सात साल तक यह लड़ाई लड़ी और अब जाकर मुझे न्याय मिला है। हालांकि, मेरी इच्छा थी कि पास्टर को कम से कम 20 साल की सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि जिस तरीके से उसने मेरे साथ जघन्य अपराध किया, वह हर लिहाज से घिनौना था। वह अभी भी लोगों को बेवकूफ बना रहा है।”
इस दौरान, कुछ हिंदू संगठन के सदस्य भी कोर्ट परिसर में पहुंचे और उन्होंने पास्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पास्टर की तस्वीरें उठाकर उसे फांसी देने की मांग की। यह साफ दर्शाता है कि समाज में ऐसे अपराधों को लेकर गुस्सा और आक्रोश कितना बढ़ गया है।
पुलिस ने की गिरफ्तारी
पुलिस ने पास्टर बजिंदर सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था, जबकि वह इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में आयोजित एक सेमिनार में भाग लेने जा रहे थे। गिरफ्तारी के समय ही पास्टर का एक और वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें वह एक महिला से मारपीट कर रहा था। यह वीडियो 14 फरवरी को शूट किया गया था और मार्च में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो वायरल होते ही आरोपी की असलियत सामने आ गई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
न्याय का पक्ष
अब, अदालत के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, किसी भी महिला के साथ ऐसी जघन्य हरकत करने पर बच नहीं सकता। इस मामले में न्याय की जीत हुई है और साथ ही यह संदेश दिया गया है कि महिलाएं अगर न्याय की लड़ाई लड़ें, तो उन्हें अंततः सफलता मिलती है।
पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह चाहती है कि आरोपी हमेशा जेल में रहे, क्योंकि उसे विश्वास है कि यदि वह बाहर आया तो फिर से ऐसे अपराध करेगा। उसे समाज के लिए खतरा माना गया है और उसकी सजा उसकी क्रूरता का सही परिणाम है।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल एक महिला के न्याय की जीत है, बल्कि समाज में बढ़ती जागरूकता और महिला अधिकारों के पक्ष में एक मजबूत कदम भी है। अब यह सुनिश्चित किया गया है कि ऐसे अपराधियों को उनके किए गए अपराधों का सही परिणाम मिले और समाज में ऐसे घिनौने कृत्यों के खिलाफ सख्त संदेश दिया जाए। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि महिलाओं को अपनी आवाज उठानी चाहिए और किसी भी अपराध का सामना करने के लिए हिम्मत रखनी चाहिए, क्योंकि न्याय अंततः मिलता है।
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