🕒 Published 8 hours ago (2:56 PM)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर 35 मिनट लंबी चर्चा ने भारत-पाकिस्तान संबंधों और अमेरिका की भूमिका को लेकर कई भ्रमों पर विराम लगा दिया है। इस बातचीत में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार सौदा, या भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता का कोई जिक्र नहीं हुआ। उन्होंने ट्रंप को यह भी दो टूक कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की है, न करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सटीक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। यह जवाब पुलवामा जैसी आतंकी घटनाओं के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति का हिस्सा था। मोदी ने कहा कि भारत ने संतुलित और सटीक कार्रवाई की, जो सिर्फ आतंकियों के खिलाफ थी और इसका उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं था।
सीजफायर के दावे पर मोदी का जवाब
राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार दावा करते रहे हैं कि उनके हस्तक्षेप से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। लेकिन पीएम मोदी ने साफ किया कि यह सीजफायर पाकिस्तान के अनुरोध पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीधे सैन्य चैनल के जरिए हुआ, अमेरिका की किसी भूमिका के बिना।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति वैंस ने पीएम मोदी को फोन कर पाकिस्तान के संभावित हमले की चेतावनी दी थी, जिसके बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया। 10 मई की रात पाकिस्तान के हमले का भारत ने ऐसा असरदार जवाब दिया कि पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ और कुछ सैन्य एयरबेस भी निष्क्रिय हो गए।
“मध्यस्थता नहीं स्वीकार” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर भारत की पूरी राजनीतिक व्यवस्था एकमत है – चाहे सरकार हो या विपक्ष, कोई भी मध्यस्थता के पक्ष में नहीं है।
ट्रंप के दावे और भारत का जवाब
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर एक साथ लाने का प्रयास करेंगे। लेकिन मोदी सरकार ने एक बार फिर अमेरिकी मध्यस्थता को पूरी तरह नकारते हुए दोहराया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।
G-7 समिट और फोन कॉल
ट्रंप और मोदी की मुलाकात कनाडा में G-7 समिट के दौरान तय थी, लेकिन ट्रंप की जल्दी वापसी के कारण यह संभव नहीं हो सका। इसके बाद ट्रंप के अनुरोध पर यह फोन कॉल हुई। बातचीत में आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर, इजरायल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे अहम अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी चर्चा हुई।
QUAD और भारत दौरे का न्योता
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को QUAD की आगामी बैठक में भारत आने का न्योता दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर अपनी भारत यात्रा की इच्छा जताई।