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Mock Drills Update: 7 मई को गूंजेगा युद्ध सायरन, जानिए कहां बजेगा और क्यों जरूरी है ये मॉक ड्रिल

 

नई दिल्ली 6 मई 2025। भारत सरकार ने सुरक्षा तैयारियों के तहत 7 मई को देशभर के कई हिस्सों में युद्ध पर आधारित मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। खासकर पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच यह अभ्यास बेहद अहम माना जा रहा है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चिन्हित क्षेत्रों में की जाएगी।

किसके लिए है ये अभ्यास
यह अभ्यास ‘सिविल डिफेंस’ से जुड़े उन 244 टाउन और जिलों में किया जाएगा, जिन्हें संवेदनशील माना गया है। इसका उद्देश्य है कि अगर भविष्य में दुश्मन देश की ओर से कोई हवाई या जमीनी हमला होता है तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, इसका पूर्वाभ्यास हो सके।

क्या-क्या किया जाएगा 7 मई को

मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों को चालू कर उनकी कार्यक्षमता की जांच की जाएगी।

नागरिकों, खासकर छात्रों को आपात स्थिति में क्या करना है, यह सिखाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

ब्लैकआउट प्रक्रिया का अभ्यास कराया जाएगा, यानी रात में बिजली बंद कर दी जाएगी ताकि दुश्मन की निगरानी से बचा जा सके।

बिजलीघर, सरकारी इमारतें और सैन्य प्रतिष्ठान जैसे अहम ढांचों को छुपाने के लिए ‘कैमोफ्लाज’ तकनीक का परीक्षण होगा।

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजनाएं लागू कर उनकी समीक्षा की जाएगी। साथ ही रेडियो और हॉटलाइन के जरिए जरूरी संदेशों का संचार किया जाएगा।

क्यों जरूरी है यह तैयारी
गृह मंत्रालय का मानना है कि किसी भी आपदा या सैन्य हमले की स्थिति में आम लोगों की तैयारी और जागरूकता बेहद जरूरी है। इसी वजह से इस तरह की पूर्व-योजनाबद्ध मॉक ड्रिल करवाई जा रही है ताकि देश का हर नागरिक जान सके कि खतरे के वक्त क्या कदम उठाने हैं।

आवाज कितनी दूर तक जाती है युद्ध सायरन की
एक सामान्य सैन्य सायरन की आवाज 2 से 5 किलोमीटर के दायरे तक सुनी जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में यह दायरा और बढ़ाया भी जा सकता है। सायरन की आवाज सुनकर लोगों को अलर्ट हो जाना चाहिए और प्रशासन द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।

डरने की जरूरत नहीं, सतर्क रहना जरूरी
7 मई को जब ये सायरन बजे, तो घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह सिर्फ एक अभ्यास है, लेकिन इससे हर व्यक्ति को यह समझने में मदद मिलेगी कि युद्ध जैसी आपात स्थिति में क्या करना है और कैसे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखना है।

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