Mock Drill News
Mock Drill News: पाकिस्तान से सटे चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान—में आज गुरुवार शाम को मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का परीक्षण करना है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है।
इससे पहले 7 मई को पूरे देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इसमें आम नागरिकों, स्टाफ और छात्रों को एयर स्ट्राइक या आतंकी हमले जैसी स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। इसके तहत ब्लैकआउट एक्सरसाइज भी की गई, जिसमें 12 मिनट के लिए लाइटें बंद रखी गई थीं। इसका मकसद था यह देखना कि दुश्मन की निगरानी से खुद को कैसे छिपाया जाए और अंधेरे में सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।
जानकारों के अनुसार, इस तरह की व्यापक नागरिक तैयारी 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय हुई थी। उस समय युद्ध के दौरान भी ऐसी मॉक ड्रिल की गई थी। अब एक बार फिर भारत-पाक संबंधों में बढ़ते तनाव को देखते हुए यह अभ्यास हो रहा है।
दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस हमले में करीब 100 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
इसके बाद 10 मई को शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी, लेकिन पाकिस्तान अब भी भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है, जिससे तनाव की स्थिति बनी हुई है।
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राजस्थान समेत सभी सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। राजस्थान में प्रशासन ने सभी जिलों को निर्देश भेज दिए हैं। पाकिस्तानी बॉर्डर से लगते जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजाए जाएंगे, और आपात व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता को जांचा जाएगा।
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भारत सरकार ने देश के 259 जिलों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर वर्गीकृत किया है। ये जिले उनकी संवेदनशीलता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं:
कैटेगरी-1: सबसे ज्यादा संवेदनशील जिले (कुल 13)। जैसे कि उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर, जहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट स्थित है।
कैटेगरी-2: मीडियम रिस्क वाले जिले (कुल 201)।
कैटेगरी-3: कम रिस्क वाले जिले (कुल 45)।
इन जिलों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज के ज़रिए नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों और छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
मॉक ड्रिल एक तरह की आपातकालीन अभ्यास प्रक्रिया है, जिसके जरिए यह देखा जाता है कि संकट की घड़ी में आम लोग और प्रशासन कितनी जल्दी और सही प्रतिक्रिया देते हैं।
ब्लैकआउट एक्सरसाइज में एक तय समय के लिए इलाके की बिजली बंद कर दी जाती है, ताकि यह देखा जा सके कि अंधेरे में दुश्मन की निगरानी से कैसे बचा जाए और कैसे इलाके को छिपाकर रखा जा सकता है।
देश की सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने और आम जनता को आपात परिस्थितियों के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से आज पाकिस्तान से सटे चार राज्यों में मॉक ड्रिल की जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले हालातों को देखते हुए यह कवायद बेहद अहम मानी जा रही है। जनता से अपील है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
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