सीजफायर के बाद हमला क्यों? ट्रंप ने इजरायल को लगाई फटकार, बोले- बम गिराने बंद करो!

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By Hindustan Uday

🕒 Published 1 month ago (7:16 PM)

मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तीखा बयान सामने आया है। ट्रंप ने सीधी आलोचना करते हुए कहा है कि ईरान और इजरायल दोनों ने संघर्षविराम (सीजफायर) का उल्लंघन किया, लेकिन उन्होंने खासतौर पर इजरायल के हमलों को ‘बड़ा उल्लंघन’ बताया

“इजरायल, अपने पायलटों को वापस बुलाओ!” – ट्रंप

अपने बयान में ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा, “इजरायल, उन बमों को मत गिराओ. अगर तुम ऐसा करते हो तो यह एक बड़ा उल्लंघन है. अपने पायलटों को तुरंत घर वापस बुलाओ.”

उन्होंने कहा कि संघर्षविराम पर सहमति देने के तुरंत बाद इजरायल द्वारा किया गया हमला गलत था और इससे शांति की कोशिशों को ठेस पहुंची है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह ईरान से नाखुश हैं लेकिन इजरायल से और भी ज्यादा नाखुश हैं

सीजफायर के उल्लंघन पर एक-दूसरे पर आरोप

इससे पहले इजरायल ने आरोप लगाया था कि ईरान ने संघर्षविराम तोड़ा, जबकि ईरान ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उसने आखिरी मिसाइल बीयरशेवा पर हुए हमले के जवाब में दागी थी, जो सीजफायर की घोषणा से पहले की घटना थी। ईरान ने इसे आत्मरक्षा करार दिया।

कतर की भूमिका बनी निर्णायक

इस पूरे तनाव के बीच कतर एक अहम मध्यस्थ बनकर उभरा। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर को फोन कर ईरान को सीजफायर के लिए मनाने की अपील की। इसके बाद कतर के प्रधानमंत्री ने ईरान से बातचीत की और उसे अमेरिका समर्थित संघर्षविराम प्रस्ताव पर सहमत किया

एक अमेरिकी अधिकारी ने मीडिया को बताया, “कतर के अमीर ने ट्रंप से बातचीत के बाद ईरान को समझाया और संघर्षविराम पर सहमति दिलाई। यह एक कूटनीतिक सफलता है।”

ताबड़तोड़ हमलों के बीच आया सीजफायर, फिर नया विवाद

गौरतलब है कि ईरान और इजरायल के बीच बीते कुछ दिनों में जबरदस्त सैन्य टकराव हुआ। दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिका द्वारा की गई बमबारी के बाद हालात और बिगड़ गए थे। सीजफायर की घोषणा के बाद कुछ राहत की उम्मीद जगी थी, लेकिन ट्रंप के बयान ने एक बार फिर इजरायल की भूमिका को लेकर अंतरराष्ट्रीय बहस छेड़ दी है।

 

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