आकाश आनंद को नहीं मिलेगी नई जिम्मेदारी
मायावती ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट किया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी गलती के लिए माफी मांगी है, जिसके चलते उन्हें एक और मौका दिया गया है। हालांकि, मायावती ने साफ किया कि इसका यह मतलब नहीं है कि उन्हें फिलहाल कोई नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस बयान से यह भी साफ हो गया कि पार्टी में अनुशासन और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा रही है।
संगठनात्मक समीक्षा और सख्त चेतावनी
बैठक में मायावती ने 2 मार्च को दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की और पार्टी पदाधिकारियों को चेतावनी दी कि निष्क्रियता और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने संगठन की मजबूती के लिए तय समयसीमा में कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया।
यूपी की कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा
मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार, पूर्व सपा सरकार की तरह ही कुछ खास वर्गों और क्षेत्रों के हितों में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “डबल इंजन की सरकार” सर्वसमाज की भलाई नहीं कर रही और इससे राज्य का विकास बाधित हो रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बसपा शासनकाल में सभी वर्गों को समान न्याय और कानून का राज मिला था।
धर्म की राजनीति पर तीखा हमला
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा और अन्य पार्टियां धर्म को ‘कर्म’ बनाने के बजाय राजनीतिक हथियार बना रही हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से अपील की कि वे संकीर्ण राजनीति छोड़कर सामाजिक समरसता के साथ काम करें।
डॉ. आंबेडकर और कांशीराम को श्रद्धांजलि
मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम को लेकर विरोधी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दलित वोटों की राजनीति के लिए विपक्षी पार्टियां सिर्फ जयंती मनाती हैं, लेकिन वास्तविक सम्मान और उनके अनुयायियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करती हैं। उन्होंने बसपा समर्थकों की तारीफ की, जिन्होंने आंबेडकर जयंती और कांशीराम जयंती को जोश और उत्साह से मनाया।
‘ट्रंप टैरिफ गेम’ और आर्थिक अस्थिरता
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात करते हुए मायावती ने ‘ट्रंप टैरिफ गेम’ का जिक्र करते हुए कहा कि इससे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता फैली है, और भारत जैसे विकासशील देशों को इससे विशेष नुकसान हो सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह देश की आर्थिक नीतियां बनाते समय आत्मसम्मान और देशहित को प्राथमिकता दे। साथ ही उन्होंने भाजपा और उसके नेताओं से वोट बैंक की राजनीति छोड़ने का आग्रह किया।
मायावती का यह बयान न केवल पार्टी संगठन को दिशा देने वाला है, बल्कि आने वाले समय में बसपा की रणनीति और उसके अंदर होने वाले संभावित बदलावों की झलक भी देता है। आकाश आनंद को दोबारा मौका देना, पर जिम्मेदारी न सौंपना यह दर्शाता है कि मायावती नेतृत्व में अनुशासन सर्वोपरि है। वहीं, सामाजिक न्याय, कानून व्यवस्था और आर्थिक नीतियों पर उनके बयान आने वाले चुनावी सत्र के लिए राजनीतिक संकेत भी देते हैं।
1. आकाश आनंद को बसपा में क्या भूमिका दी गई है?
फिलहाल कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, हालांकि सार्वजनिक माफी के बाद उन्हें दोबारा मौका जरूर मिला है।
2. मायावती ने संगठन को लेकर क्या निर्देश दिए?
उन्होंने संगठन को पांच महीनों में पूरी तरह मजबूत करने और निष्क्रियता बर्दाश्त न करने की सख्त चेतावनी दी।
3. यूपी की सरकार पर मायावती का क्या आरोप है?
उन्होंने भाजपा सरकार पर पक्षपातपूर्ण नीति अपनाने और कुछ वर्गों के हित में काम करने का आरोप लगाया।
4. आंबेडकर और कांशीराम को लेकर मायावती ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियां केवल वोटों के लिए आंबेडकर को याद करती हैं, असली सम्मान बसपा ही देती है।
5. ‘ट्रंप टैरिफ गेम’ पर मायावती की प्रतिक्रिया क्या रही?
उन्होंने इसे वैश्विक आर्थिक संकट का कारण बताया और भारत की आर्थिक नीतियों में आत्मसम्मान को बनाए रखने की अपील की।