🕒 Published 2 days ago (3:24 PM)
मणिपुर में सियासी हलचल तेज हो गई है। बुधवार को बीजेपी नेता थोकचोम राधेश्याम सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने बताया कि उनके पास कुल 44 विधायकों का समर्थन है और सभी सरकार गठन के लिए तैयार हैं।
राधेश्याम सिंह ने बताया, “हमने राज्यपाल को सूचित कर दिया है कि जनता की इच्छा के अनुरूप 44 विधायक सरकार बनाने को तैयार हैं। इस मुद्दे को लेकर संभावित समाधान पर भी चर्चा हुई है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।
‘सरकार गठन का कोई विरोध नहीं’
बीजेपी नेता ने कहा कि स्पीकर सत्यव्रत ने इन 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है, और किसी ने भी सरकार गठन का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा, “पिछले कार्यकाल में दो साल कोविड में और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो साल बर्बाद हो गए। लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है, इसलिए अब स्थायी सरकार जरूरी है।”
क्यों बना अस्थिरता का माहौल?
गौरतलब है कि मई 2023 में मणिपुर में मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के कारण बीजेपी की तत्कालीन सरकार आलोचनाओं में घिर गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। फरवरी 2024 से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
वर्तमान विधानसभा की स्थिति
मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं, जिनमें से फिलहाल 59 विधायक हैं। एक सीट एक विधायक के निधन के कारण खाली है। बीजेपी गठबंधन के पास 32 मैतेई विधायक, 3 मणिपुरी मुस्लिम विधायक, 9 नागा विधायक, इस तरह कुल 44 विधायकों का समर्थन होने का दावा है।
वहीं, कांग्रेस के पास 5 विधायक हैं जो सभी मैतेई समुदाय से हैं। बाकी बचे 10 विधायक कुकी समुदाय से हैं, जिनमें से 7 विधायक बीजेपी से जीते थे, 2 कुकी पीपुल्स अलायंस के हैं, और 1 निर्दलीय है।