🕒 Published 1 week ago (2:28 PM)
इंफाल MANIPUR में राजनीतिक अस्थिरता के बीच एक बार फिर सरकार गठन की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। बुधवार को मणिपुर में 10 विधायकों के प्रतिनिधमंडल ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। राज्यपाल से मिलने वालों में 8 विधायक भाजपा के और एक-एक विधायक NPP और निर्दलीय हैं। इन सभी विधायकों ने दावा किया है कि उन्हें 22 विधायकों का समर्थन प्राप्त है । बता दें कि मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 होना जरुरी है।
लोकप्रिय सरकार का चाहते हैं गठन
राज्यपाल से मुलाकात के बाद निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंहने कहा कि हमने राज्यपाल को एक पेपर दिया है, जिस पर 22 विधायकों ने साइन किए हैं। हम चाहते हैं कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन समाप्त हो और एक लोकप्रिय सरकार का गठन हो। राज्यपाल की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है।”
21 विधायकों ने अमित शाह को भी लिखा था पत्र
इससे पहले 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मणिपुर में शांति और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए सरकार बनाने की मांग की थी। इस पत्र पर भाजपा के 13, एनपीपी और नगा पीपुल्स फ्रंट के 3-3 तथा दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे।
मणिपुर में अब तक 11 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता कोई नई बात नहीं है। वर्ष 1967 से अब तक राज्य में 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। इस दौरान शासन की अवधि 43 दिनों से लेकर 277 दिनों तक रही है
पहली बार राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी 1967 को लागू हुआ था, जो 66 दिन चला।
सबसे लंबा राष्ट्रपति शासन 2 जून 2001 से 6 मार्च 2002 तक 277 दिन चला।
13 फरवरी 2025 को मणिपुर में 11वीं बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया, जो अभी तक जारी है।
बीरेन सिंह ने के इस्तीफे के बाद लगा राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। बता दें कि 9 फरवरी को भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में डेढ़ साल से ज्यादा समय तक चली हिंसा न रोक पाने के चलते काफी दबाव था। बता दें कि मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 3 मई, 2023 से हिंसा हो रही है। इन दो सालों में 300 से ज्यादा लोगों की जानें गई है और 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं। विपक्षी पार्टियां हिंसा के मुद्दे पर लगातार NDA से सवाल पूछ रही थीं।
क्या होगा अगला कदम?
अब सबकी निगाहें मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के फैसले पर टिकी हैं। अगर राज्यपाल द्वारा बहुमत के दावे की पुष्टि होती है, तो मणिपुर को एक नई सरकार मिल सकती है और राष्ट्रपति शासन समाप्त हो सकता है