ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’, मचा विवाद

By Pragati Tomer

🕒 Published 6 months ago (11:12 AM)

ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’, मचा विवाद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में अपने एक बयान से सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। अपने तीखे अंदाज़ और विवादित बयानों के लिए पहचानी जाने वाली ममता बनर्जी ने इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले पर निशाना साधते हुए उसे ‘मृत्युकुंभ’ करार दिया है। उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया है। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और इसके बाद विवादों का दौर शुरू हो गया।

ममता का महाकुंभ पर कड़ा प्रहार

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने महाकुंभ मेले में कथित कुप्रबंधन और अव्यवस्थाओं को लेकर भाजपा की सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “महाकुंभ अब ‘मृत्युकुंभ’ बन चुका है।” ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और आरोप लगाया कि वहां की व्यवस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं, जिसके कारण आम जनता के लिए यह मेला जानलेवा साबित हो रहा है।

महाकुंभ में अव्यवस्थाओं पर सवाल

महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा स्नान के लिए आते हैं। लेकिन ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और कहा कि इस मेले में अव्यवस्थाओं की वजह से आम जनता की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मेला क्षेत्र में उचित प्रबंधन न होने के कारण भगदड़ और अन्य दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। बनर्जी ने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान वीआईपी लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं हैं, जबकि गरीब श्रद्धालुओं को अनदेखा किया जा रहा है।

ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा 'मृत्युकुंभ'

अमीरों के लिए विशेष कैंप, गरीबों के लिए कोई सुविधा नहीं

अपने बयान में ममता बनर्जी ने इस ओर भी इशारा किया कि महाकुंभ मेले में अमीरों और वीआईपी लोगों के लिए लाखों रुपये तक के विशेष कैंप बनाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “आपने अमीरों के लिए लाखों रुपये के कैंप बना दिए, लेकिन गरीबों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की। महाकुंभ अब आम जनता के लिए सुरक्षित नहीं है।” ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और इस मुद्दे को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए।

धार्मिक भावनाओं पर प्रहार

ममता बनर्जी का यह बयान धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्रों में तीखी प्रतिक्रियाएं ला रहा है। महाकुंभ जैसा विशाल धार्मिक आयोजन, जहां करोड़ों लोग अपनी आस्था के साथ आते हैं, वहां ममता बनर्जी द्वारा इसे ‘मृत्युकुंभ’ कहना कई लोगों को आहत कर गया। भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा के नेताओं ने कहा कि ममता बनर्जी का यह बयान न केवल महाकुंभ का अपमान है, बल्कि यह हिन्दू धर्म की आस्थाओं पर भी चोट है। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और इस बयान के बाद दोनों राज्यों के बीच राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।

ममता बनर्जी का बचाव

हालांकि, ममता बनर्जी के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने यह बयान महाकुंभ मेले में होने वाली अव्यवस्थाओं और आम जनता की सुरक्षा को लेकर दिया है। उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और यह बयान केवल प्रशासनिक खामियों को उजागर करने के लिए था। उनके अनुसार, मेले के दौरान उचित प्रबंधन न होने के कारण लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है और इसी कारण उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया।

भाजपा की प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने ममता के बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह बयान केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए दिया गया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’, यह न केवल हमारे धार्मिक आयोजन का अपमान है, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर पर भी हमला है। ममता बनर्जी को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

महाकुंभ और राजनीति

महाकुंभ, जो एक धार्मिक आयोजन है, उसे राजनीतिक विवाद का मुद्दा बनाना अब नई बात नहीं रही। हर बार किसी न किसी राजनीतिक दल द्वारा महाकुंभ पर सवाल उठाए जाते हैं। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’ और यह बयान इस बात को साबित करता है कि किस तरह से धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक मोड़ दिया जा सकता है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान में महाकुंभ मेला अब राजनीतिक बहस का नया मुद्दा बन गया है।

क्या ममता का बयान सच है?

ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या वाकई में महाकुंभ में अव्यवस्थाएं इतनी ज्यादा हैं कि इसे मृत्यु का मेला कहा जाए? हालांकि, मेला आयोजकों का कहना है कि वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और प्रशासन हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’, लेकिन क्या यह सच है, इसका फैसला जनता को करना होगा।

निष्कर्ष

ममता बनर्जी के बयान से स्पष्ट है कि महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में अव्यवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक ढांचों पर सवाल उठना स्वाभाविक है। लेकिन, इस तरह के बयान से धार्मिक और राजनीतिक विवाद भी पैदा हो सकते हैं। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को कहा ‘मृत्युकुंभ’, यह बयान आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक हलचल मचा सकता है, खासकर जब चुनावी माहौल भी गरम है।

अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।

Leave a Comment

Exit mobile version