नई GDP सीरीज में बड़े बदलाव : सरकार इकोनॉमिक ग्रोथ मापने का तरीका करेगी अपडेट

Changes New GDP Series, भारत सरकार लगातार देश की आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब GDP (Gross Domestic Product) की नई सीरीज़ लाने की तैयारी की जा रही है। नई सीरीज में कई बड़े बदलाव होंगे—जैसे सरकारी आवासों की कीमत का नया फॉर्मूला, LLP कंपनियों को GDP में शामिल करना, और माइनिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों के लिए नए डिफ्लेटर का उपयोग।

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Changes New GDP Series

मल्टी–एक्टिविटी कंपनियों का डेटा अब ज्यादा सटीक

स्टैटिस्टिक्स मंत्रालय के अनुसार, अब प्राइवेट कंपनियों (NFPCS) का अनुमान किसी एक बिज़नेस एक्टिविटी के आधार पर नहीं लगाया जाएगा।

इसके बजाय, कंपनी किस गतिविधि से कितनी आय कमाती है, उसी अनुपात में उसका आउटपुट और वैल्यू एडेड बांटा जाएगा।

अनरजिस्टर्ड सेक्टर की ग्रोथ ऐसे होगी मापी,Changes New GDP Series

देश के अनरजिस्टर्ड या छोटे व्यवसायों की ग्रोथ का आकलन भी नए तरीके से होगा। अब हर साल सीधे GVA (Gross Value Added) निकाला जाएगा।

इसके लिए इस्तेमाल होगा:

ASUSE: छोटे व्यापारों के वार्षिक सर्वे से उत्पादन का डेटा

PLFS: मजदूरों की संख्या का अनुमान

यह तरीका पुराने मॉडल को पूरी तरह बदल देगा, जिसमें 10 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया जाता था।

नई GDP सीरीज का बेस ईयर 2022–23 होगा और इसे 27 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा। यह मौजूदा 2011–12 बेस इयर की जगह लेगी।

फाइनेंशियल सेक्टर में भी बदलाव

फाइनेंशियल सेक्टर का अनुमान लगाने के लिए अब:

बैंकिंग सिस्टम के आधिकारिक आंकड़े

निजी NBFC कंपनियों का MCA डेटा

साहूकारों, बीमा एजेंटों और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ASUSE व AIDIS 2019 का डेटा

का उपयोग अधिक सटीकता के साथ किया जाएगा।

सरकारी क्षेत्र में पेंशन लायबिलिटी की गणना भी नए तरीके से होगी, ताकि OPS से NPS में शिफ्ट को सही तरह दिखाया जा सके।

स्थानीय निकाय और स्वायत्त संस्थाएँ भी आएंगी दायरे में

नई GDP सीरीज में स्थानीय निकायों, स्वायत्त संस्थाओं, मछली पालन, पशु चारा उत्पादन और घरों के मरम्मत–रखरखाव जैसे क्षेत्रों के लिए नए अनुमान और अपडेटेड अनुपात जोड़े जा रहे हैं।

यह दस्तावेज़ उत्पादन और आय आधारित GDP गणना में बदलावों से जुड़ा है।

जल्द ही दूसरा दस्तावेज़ खर्च आधारित पद्धति के बदलाव भी बताएगा।

MoSPI ने इन प्रस्तावों पर 10 दिसंबर तक विशेषज्ञों, सरकारी एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों से सुझाव मांगे हैं।

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