Astronaut Shubhanshu Shukla: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गलियों में पले-बढ़े एक युवक, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अब अंतरिक्ष की उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारत के इस होनहार अंतरिक्ष यात्री को 8 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक पल होगा, क्योंकि शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं। उनकी यह उपलब्धि पूरे देश के लिए बेहद खास और गौरवपूर्ण है।
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8 जून को उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला: Axiom Mission-4 के कैप्टन
पहले यह मिशन 29 मई को लॉन्च होने वाला था, लेकिन कुछ बदलावों के बाद अब यह फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए उड़ान भरेगा। भारतीय समयानुसार, यह लॉन्च 8 जून को शाम 6:41 बजे निर्धारित है। अमेरिका की स्पेस कंपनी एक्सिओम ने हाल ही में एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की थी।
एक्सिओम मिशन-4 के तहत, शुभांशु शुक्ला 14 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहेंगे। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ-साथ तीन और अंतरिक्षयात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। खास बात यह है कि मिशन के संचालन की जिम्मेदारी शुभांशु शुक्ला के पास रहेगी, जो उनकी असाधारण क्षमताओं को दर्शाता है। उनके साथ अंतरिक्ष जाने वाले अन्य अंतरिक्ष यात्रियों में अमेरिका के कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की और मिशन विशेषज्ञ हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं।
नासा और इसरो की संयुक्त पहल: राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय
यह उल्लेखनीय है कि एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की एक संयुक्त पहल है। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे, राकेश शर्मा के बाद। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक यात्रा के चार दशक बाद हो रही है। राकेश शर्मा ने रूस के सोयुज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।
पीएम मोदी की घोषणा से लेकर पायलट बनने तक का सफर
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि भारत के बेटे-बेटी बहुत जल्द अंतरिक्ष में जाएंगे। इसके बाद, शुभांशु शुक्ला को साल 2019 में इसरो के अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया। कई चरणों की कठोर जांच के बाद, जनवरी 2025 में 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला को नासा और इसरो के एक्स-4 मिशन के लिए पायलट के रूप में चुना गया।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला? एक परिचय
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनके पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला हैं, जो अपने बेटे की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से बेहद खुश हैं।
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी ग्रुप कैप्टन हैं। वह ISRO के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक भी हैं। उन्हें एएन-32, जगुआर, हॉक, मिग-21, मिग-29 और एसयू-30 एमकेआई जैसे कई प्रकार के विमानों को उड़ाने का व्यापक अनुभव है। उनके पास 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।
शैक्षणिक और सैन्य करियर:
- शुभांशु शुक्ला ने 2005 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की।
- जून 2006 में वह इंडियन एयरफोर्स में कमीशन हुए।
- जून 2019 में उन्हें विंग कमांडर के रूप में पदोन्नति मिली।
- उसी साल, उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) के जरिये IAF के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम के लिए चुना गया।
- 2021 में, उन्होंने गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपना बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के लिए रूस की यात्रा की।
- वापसी के बाद भी, उन्होंने बेंगलुरु में स्थित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में अपना प्रशिक्षण जारी रखा।
- 2024 में, उन्हें IAF में ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नति दी गई।
अगस्त 2024 में, ISRO ने शुभांशु को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए निजी मिशन एक्सिओम मिशन-4 के लिए पायलट घोषित किया था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं। उनकी शादी कामना शुभा शुक्ला से हुई है, जो एक डेंटिस्ट हैं।
8 जून को शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रवाना होते ही, भारत के नाम अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज होगी।
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