🕒 Published 4 months ago (5:16 AM)
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, बेटे ने नम आंखों से सुनाया आखिरी लम्हों का हाल
भारतीय सिनेमा का एक सुनहरा अध्याय अब खत्म हो गया है। 87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, जिन्होंने देशभक्ति को परदे पर जी कर लोगों के दिलों में अमरता हासिल की। 3 अप्रैल की सुबह जब यह खबर सामने आई कि उन्होंने कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली, तो पूरा देश शोक में डूब गया। उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने नम आंखों से पिता के आखिरी पलों का हाल बताया और बताया कि वह लंबे समय से बीमार थे।
सिनेमा का ‘भारत कुमार’ अब हमारे बीच नहीं रहा
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, जिन्हें लोग ‘भारत कुमार’ के नाम से जानते थे। उन्होंने ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मनोज कुमार का किरदार हमेशा आम आदमी की आवाज बना। जब भी उन्होंने परदे पर देशभक्ति दिखाई, हर भारतीय की आंखें नम हो गईं।
आखिरी वक्त में कैसे थे मनोज कुमार?
उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने बताया, “पापा काफी समय से अस्वस्थ थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर बीमारी का डटकर सामना किया। सुबह 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। भगवान और शिरडी बाबा की कृपा से वो शांतिपूर्वक इस दुनिया को अलविदा कह गए।”
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, और ये खबर मानो हर दिल को चीर गई। वो एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने न सिर्फ सिनेमा को जिया, बल्कि अपने अभिनय से इसे नई दिशा दी।
कौन थे मनोज कुमार?
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को हुआ था। बचपन में बंटवारे की त्रासदी झेली, लेकिन दिल में कुछ कर गुजरने का जज़्बा था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘फैशन’ फिल्म से की, लेकिन पहचान मिली ‘शहीद’ फिल्म से, जिसमें उन्होंने भगत सिंह का किरदार निभाया। उसके बाद तो उन्होंने जैसे देशभक्ति को ही अपना धर्म बना लिया।
‘भारत का रहने वाला हूं…’ बना राष्ट्रीय भावना की आवाज
जब उन्होंने ‘पूरब और पश्चिम’ में ‘भारत का रहने वाला हूं’ गाना गाया, तो हर भारतीय की रगों में देशभक्ति दौड़ गई। 87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, लेकिन ये गीत और उनकी फिल्मों के डायलॉग आज भी दिलों में जिंदा हैं।
राजनीति में भी था मनोज कुमार का प्रभाव
बहुत कम लोगों को पता होगा कि मनोज कुमार पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी फिदा थे। उन्हें पद्मश्री और दादा साहेब फाल्के जैसे सम्मान भी मिले। इतना ही नहीं, उन्होंने एक दौर में फिल्मों के जरिए लोगों को वोटिंग, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी जागरूक किया।
बेटे कुणाल का टूटता हुआ दिल
कुणाल गोस्वामी ने बताया, “पापा ने हमें हमेशा सिखाया कि इंसान को मेहनती और देशभक्त होना चाहिए। वो अपने पोतों से बहुत प्यार करते थे। पिछले कुछ महीनों से तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, लेकिन वो फिर भी हर किसी से मिलते थे, मुस्कराते थे।”
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, और उनके बेटे की ये भावुक बातें हर किसी की आंखें नम कर गईं।
अंतिम विदाई की तैयारियां
मनोज कुमार का अंतिम संस्कार 5 अप्रैल को किया जाएगा। परिवार, दोस्त, बॉलीवुड के सितारे और फैंस – सब उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचेंगे। कहा जा रहा है कि मुंबई में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड में शोक की लहर
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, और इस खबर ने बॉलीवुड को गहरे शोक में डुबो दिया है। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जावेद अख्तर, हेमा मालिनी जैसे दिग्गज कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। हर किसी ने कहा – “वो सिर्फ अभिनेता नहीं थे, एक विचार थे, एक आंदोलन थे।”
क्यों खास थे मनोज कुमार?
उन्होंने देशभक्ति को ग्लैमर से जोड़ा।
आम आदमी के दर्द को परदे पर दिखाया।
सामाजिक मुद्दों को केंद्र में रखा।
निर्देशन और लेखन में भी थे माहिर।
हमेशा सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखा।
उनके जाने के बाद क्या छूट गया?
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, और उनके जाने से एक खालीपन सा महसूस हो रहा है। आज जब फिल्मों में कंटेंट की बात होती है, तो मनोज कुमार की याद आती है। वो हर भारतीय के दिल में बसते थे – और शायद हमेशा बसते रहेंगे।
मनोज कुमार की कुछ यादगार फिल्में:
फिल्म का नाम | वर्ष | भूमिका |
---|---|---|
उपकार | 1967 | भारत |
पूरब और पश्चिम | 1970 | भरत |
रोटी कपड़ा और मकान | 1974 | भारत |
क्रांति | 1981 | क्रांतिकारी नेता |
आखिरी संदेश
कुणाल ने एक आखिरी संदेश में कहा, “जो भी पापा को जानते हैं, वो जानते हैं कि उन्होंने सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, जिंदगी में भी सबको कुछ सिखाया है। उनकी बातें, उनका मुस्कुराना, उनका देश के लिए प्रेम – ये सब हमें हमेशा याद रहेगा।”
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, लेकिन उनकी आवाज, उनका अभिनय और उनका देशप्रेम आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देता रहेगा।
निष्कर्ष
87 की उम्र में नहीं रहे दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार, लेकिन उनकी यादें, उनकी फिल्में और उनका जीवन-दर्शन हमेशा हमारे बीच जीवित रहेगा। उन्होंने जो रास्ता दिखाया, वो आज भी वैसा ही चमकदार है। देश को उनसे गर्व था, है और हमेशा रहेगा।
साईं राम, मनोज जी। आप अमर हैं।
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