डेस्क. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सुरे शहर में संगठित अपराध और गैंग हिंसा को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। सुरे की मेयर ब्रेंडा लॉक ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मांग की है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग समेत अन्य ट्रांसनेशनल अपराध नेटवर्क्स को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए। उन्होंने यह मांग एक कारोबारी की हत्या के बाद की है, जिसकी जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली थी।
भारत ने किया समर्थन
भारत सरकार ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि ऐसे संगठनों के खिलाफ सख्त अंतरराष्ट्रीय कदम उठाने की आवश्यकता है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य गोल्डी बराड़ पर पहले भी पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या की साजिश का आरोप लग चुका है। वह इस गिरोह का कनाडाई एजेंट माना जाता है और कनाडा में ही सक्रिय है।
भारतीय समुदाय बना निशाना
ब्रेंडा लॉक के मुताबिक, सुरे, ब्रैम्पटन और कैलगरी जैसे शहरों में दक्षिण एशियाई मूल के व्यापारी बार-बार धमकी, फिरौती और हमलों का शिकार बन रहे हैं। पिछले छह महीनों में सुरे शहर में 10 से ज्यादा बड़े फिरौती के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें अधिकतर पीड़ित भारतीय समुदाय से जुड़े हुए हैं।
ग्लोबल नेटवर्क और तकनीकी का इस्तेमाल
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क 700 से अधिक ऑपरेटिव्स तक फैला है। ये गैंग एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स, सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धमकियां देने और पैसों की उगाही का काम करता है।
भारत की पूर्व चेतावनी
भारतीय एजेंसियां पहले से कनाडा को आगाह करती रही हैं कि खालिस्तान समर्थक संगठन जैसे कि खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और अमेरिका आधारित सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ये संगठन फंडिंग, युवाओं की भर्ती और हिंसक घटनाओं की योजना बनाने के लिए सक्रिय रूप से सोशल और राजनीतिक मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ाव
सूत्रों के अनुसार, ये गिरोह दुबई और मैक्सिकन ड्रग कार्टेल्स से भी जुड़े हैं और बड़े स्तर पर ड्रग तस्करी व मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं। कनाडा में ‘ब्रदर्स कीपर्स’ जैसे अन्य गैंग भी दक्षिण एशियाई व्यापारियों को निशाना बनाकर फिरौती वसूलने में शामिल पाए गए हैं।
ब्रैम्पटन में कारोबारी की हत्या
हाल ही में कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक कारोबारी एमपी धनोआ की हत्या कर दी गई। सूत्रों के मुताबिक, यह हत्या गोल्डी बराड़ की निगरानी में कराई गई क्योंकि धनोआ ने कथित ‘प्रोटेक्शन मनी’ देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले हरजीत धड्डा की भी इसी गैंग द्वारा हत्या की गई थी।
भारत की मांग – वैश्विक एक्शन जरूरी
भारत लगातार मांग करता रहा है कि ट्रांसनेशनल अपराध नेटवर्क्स और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों पर कड़ी और समन्वित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की जाए। सुरे की मेयर द्वारा की गई यह अपील भारत की उसी पुरानी चेतावनी की पुष्टि करती है कि कनाडा में पनप रहे यह गैंग न सिर्फ अपराध में, बल्कि आतंक की दिशा में भी आगे बढ़ चुके हैं।
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