पाक अधिकृत कश्मीर में लश्कर का ‘जंगल मंगल टेरर कैंप’, पहलगाम हमले की साजिश यहीं रची गई?

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (5:50 AM)

दिल्ली 3 मई 2025। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में खलबली मची है। भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई के डर से वहां की सुरक्षा एजेंसियों में घबराहट देखी जा रही है। इस बीच भारत लगातार सबूत जुटा रहा है कि इस हमले में पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता है।

सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा
NEWS18 इंडिया के पास मौजूद एक्सक्लूसिव सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के अत्तर शीशा इलाके में मौजूद एक बड़े आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप का खुलासा हुआ है। इस ट्रेनिंग सेंटर को ‘जंगल मंगल टेरर कैंप’ कहा जाता है। माना जा रहा है कि यहीं से पहलगाम हमले की साजिश को अंतिम रूप दिया गया।

कैम्प की संरचना और गतिविधियाँ
इस टेरर कैंप में आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां एक मस्जिद, लिविंग एरिया, हथियार अभ्यास क्षेत्र, गेस्ट मीटिंग हॉल और मिलिट्री ऑपरेशन सेंटर मौजूद है। आतंकियों को यहां RPG7, LMG, UBJL और पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग मिलती है।

लश्कर कमांडर और हाफिज सईद की मौजूदगी
सूत्रों के मुताबिक इस कैंप में लश्कर के उच्च स्तरीय कमांडर समय-समय पर आते रहते हैं। कई बार लश्कर चीफ हाफिज सईद भी यहां आता है। यह कैंप आतंकियों को सिर्फ हथियारों की नहीं, बल्कि कट्टरपंथी विचारधारा की ट्रेनिंग भी देता है।

फगला बीआर: आतंकी रणनीति का मुख्य केंद्र
इस कैंप में स्थित ‘फगला बीआर’ नामक क्षेत्र को रणनीतिक मीटिंग्स का मुख्य स्थल माना जाता है। यहां पाकिस्तानी सेना, ISI के अधिकारी और लश्कर के बड़े आतंकियों की गुप्त बैठकें होती हैं। इन्हीं बैठकों में हमलों की योजना बनाई जाती है और ट्रेनिंग फंडिंग पर चर्चा होती है।

मिलिट्री प्लानिंग बिल्डिंग
कैंप के भीतर एक विशेष इमारत है जहां हमलों की रणनीति बनाई जाती है। यहां हथियारों की खेप के साथ-साथ भारत जैसे लक्षित देशों के नक्शे और खुफिया जानकारियाँ रखी जाती हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हाफिज सईद ने इस इमारत का दौरा भी किया है।

दौरा-ए-आम और दौरा-ए-खास की ट्रेनिंग
इस कैंप में लश्कर की खास ट्रेनिंग प्रोग्राम जैसे दौरा-ए-आम (बेसिक ट्रेनिंग) और दौरा-ए-खास (एडवांस ट्रेनिंग) दी जाती हैं। इसमें आतंकियों को जमीनी हमलों से लेकर साजिश रचने तक की हर जानकारी दी जाती है।

सुरक्षा एजेंसियों की नजर
भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ इस पूरे कैंप की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और सैटेलाइट कोऑर्डिनेट्स के जरिए वहां की हर हरकत को ट्रैक किया जा रहा है।

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