🕒 Published 1 month ago (3:19 PM)
नई दिल्ली। दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। राजधानी के लाजपत नगर-1 इलाके में एक महिला और उसके नाबालिग बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस दोहरे हत्याकांड में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाला कोई बाहरी नहीं, बल्कि उनके ही घर में काम करने वाला नौकर निकला।
घर के अंदर से मिली दो लाशें
घटना की जानकारी तब सामने आई जब महिला के पति ने पुलिस को सूचना दी कि दरवाजा अंदर से बंद है और कई बार कॉल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिल रहा है। जब पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का दृश्य देखकर हर कोई सन्न रह गया। 42 वर्षीय महिला का शव बेडरूम में मिला, जबकि 14 वर्षीय बेटे की लाश बाथरूम से बरामद हुई। दोनों के गले पर धारदार हथियार से गहरे कट के निशान थे, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे थे कि हत्या सुनियोजित और निर्ममता से की गई थी।
नौकर ने ही रची थी साजिश
घटना के बाद से घर का नौकर फरार था, जिससे पुलिस को शक गहराया। त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नौकर को कुछ घंटों में ही गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह काफी समय से मानसिक तनाव में था और महिला द्वारा बार-बार डांटे जाने से आक्रोशित था। आरोपी ने बताया कि उस दिन उनके बीच काफी तीखी बहस हुई, जिसके बाद उसने हत्या का फैसला लिया।
पहले से बनाई थी पूरी योजना
सूत्रों के अनुसार, आरोपी का व्यवहार बीते कुछ दिनों से असामान्य था। उसने पहले ही घर का नक्शा, दिनचर्या और महिला व बच्चे की गतिविधियों को बारीकी से समझ लिया था। पुलिस को शक है कि हत्या पूर्व नियोजित थी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घटना अचानक हुई झड़प के बाद हुई या पहले से प्लान थी। हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार अभी बरामद नहीं हो पाया है, लेकिन पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
दिल्ली जैसे महानगर में, जहां लोग अपने घर को सबसे सुरक्षित स्थान मानते हैं, वहां ऐसी घटना कई सवाल खड़े करती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में काम करने वाले कर्मचारियों का उचित पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करवाएं और उनके व्यवहार पर लगातार नजर रखें।
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि भरोसे की हत्या भी है। एक ऐसा शख्स, जो परिवार का हिस्सा बनकर घर में रह रहा था, वही परछाईं बनकर जान का दुश्मन बन गया। लाजपत नगर की इस वारदात ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अब घर की चारदीवारी भी सुरक्षित नहीं रही?