Lack of trust in census dataLack of trust in census data
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश – जातिगत जनगणता (Caste Census) को लेकर बसपा पार्टी (BSP), सुप्रीमों मायावती और समाजवादी पार्टी Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शंका जताई है। दोनों नेताओं ने जातिगत जनगणना को ईमानदारी से कराने की मांग की है क्यों कि दोनों ही नेताओं का कहना है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी और सरकार के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर मायावती ने लिखा कि बीजेपी ने केन्द्र में अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में जिन उपब्धियों का बखान किया है वे धरातल पर कितनी उतरी है इसका जवाब तो जनता समय आने पर स्वयं ही दे देगी। मायावती ने यह भी लिखा कि देश में राष्ट्रीय व जातीय जनगणना का भी कार्य कांग्रेस के समय से रुका हुआ था। जिस पर काफी आवाज़ उठाने के बाद अब इस मामले में प्रक्रिया शुरू हुई है।
उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़ों के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार भरोसे के लायक नहीं हैं। यादव ने एक सवाल के जवाब में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग प्रयागराज महाकुंभ जैसे पवित्र मामले (भगदड़ में हुई मौतों के मामले में) में झूठ बोल सकते है, वे भरोसे के लायक नहीं है।
उन्होंने कहा था, ‘ऐसे लोगों पर मतदाता सूची और जातीय जनगणना के आंकड़ों के मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता है। भाजपा सरकार कब कौन सा आंकड़ा दे दे, कुछ कहा नहीं जा सकता है.’ उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें जातीय जनगणना के आंकड़ों पर ध्यान रखना होगा, पूरी तरह सतर्क रहना होगा।
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