कोलकाता गैंगरेप पर TMC सांसद का शर्मनाक बयान – ‘अगर दोस्त ही बलात्कार करे तो क्या करें?’

By Hindustan Uday

🕒 Published 1 month ago (3:59 PM)

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय लॉ की छात्रा से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना ने पूरे राज्य को हिला दिया है। यह मामला अब सियासी रंग भी लेने लगा है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पीड़िता द्वारा शादी के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद मुख्य आरोपी ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस गंभीर अपराध को अंजाम दिया।

घटना 25 जून की शाम 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में घटी। पीड़िता ने बताया कि वह परीक्षा फॉर्म भरने कॉलेज आई थी और यूनियन रूम में बैठी थी, तभी आरोपी मोनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी वहां पहुंचे और उसे बहला-फुसलाकर गार्ड रूम ले गए। वहां मोनोजीत ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि बाकी दो ने इस घटना का वीडियो बनाया।

पीड़िता ने बताया कि वह मोनोजीत मिश्रा को पहले से जानती थी और दोनों रिश्ते में थे, लेकिन कुछ समय बाद उसने शादी से इनकार कर दिया था। इसी इनकार का बदला लेने के लिए यह पूरी घटना रची गई।

अब तक तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एक कॉलेज का पूर्व छात्र भी है। पुलिस ने घटना स्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक जांच जारी है।

टीएमसी सांसद के बयान पर मचा राजनीतिक बवाल

इस मामले को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, “अगर दोस्त ही रेप करने लगें तो क्या किया जा सकता है? क्या हर स्कूल-कॉलेज में पुलिस तैनात होगी?” उनके इस बयान पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा ने इस टिप्पणी को शर्मनाक और अपराध को सामान्य करने वाला करार दिया है। पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

भाजपा युवा मोर्चा का विरोध प्रदर्शन

इस घटना के विरोध में भाजपा युवा मोर्चा ने कसबा थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, जहां पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आईं और कई को हिरासत में भी लिया गया।

न्याय की मांग तेज, सरकार पर दबाव

इस मामले ने एक बार फिर कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता और छात्र संगठनों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, टीएमसी सांसद के बयान ने जनता में नाराजगी और बढ़ा दी है। विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है कि वह इस गंभीर घटना को सिर्फ एक ‘व्यक्तिगत विवाद’ न समझे, बल्कि संस्थागत सुरक्षा तंत्र को दुरुस्त करे।

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