🕒 Published 3 months ago (5:49 AM)
गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाने और मन को सुकून देने वाला पेय अगर कोई है, तो वह है खसखस (पोस्त दाना) का शरबत। आयुर्वेद में भी खसखस की शीतल प्रकृति का उल्लेख किया गया है, जो तेज़ तपिश में राहत का अहसास कराता है। यह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक पेय भी है, जो जेठ की दोपहरों में वर्षों से ग्रामीण और शहरी भारत का हिस्सा रहा है।
क्यों पीना चाहिए खसखस का शरबत?
खसखस में मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को पोषण देने के साथ-साथ मस्तिष्क को भी शांति प्रदान करते हैं। यह शरबत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अनिद्रा, सिरदर्द या मानसिक बेचैनी से परेशान रहते हैं। यह शरबत शरीर की आंतरिक गर्मी को शांत करता है और प्यास बुझाने के साथ-साथ मन को ठंडक का एहसास कराता है।
परंपरा और स्वाद का मेल
गर्मी के मौसम में खासकर जेठ मास की दोपहरों में खसखस का शरबत पीना एक सांस्कृतिक परंपरा रही है। यह न केवल शरीर के लिए राहतदायक है, बल्कि “ठंडक की आत्मा” जैसा अहसास कराता है। गाँवों में यह शरबत स्नेह और अपनापन के साथ मेहमानों को परोसा जाता रहा है।
घर पर ऐसे बनाएं पारंपरिक खसखस शरबत
सामग्री:
- सफेद खसखस – 2 टेबलस्पून
- सौंफ – 1 टीस्पून
- काली मिर्च – 2-3 दाने
- मिश्री या शक्कर – स्वादानुसार
- ठंडा पानी – 2 गिलास
- गुलाब जल – कुछ बूंदें
विधि:
- खसखस और सौंफ को 3-4 घंटे या रातभर पानी में भिगो दें।
- अगले दिन इन्हें थोड़ा पानी डालकर मिक्सी या सिलबट्टे पर बारीक पीस लें।
- तैयार मिश्रण को छान लें और उसमें ठंडा पानी, मिश्री या शक्कर, और गुलाब जल मिलाएं।
- चाहें तो ऊपर से बर्फ डालकर ठंडा-ठंडा परोसें।
गर्मियों में अगर आप हेल्दी और देसी विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो खसखस का यह शरबत ज़रूर ट्राई करें। यह न केवल ताज़गी और ऊर्जा देगा, बल्कि आपको परंपरा से भी जोड़ देगा।