केरल के कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने वक्फ बिल को दिया समर्थन, कहा- असंवैधानिक प्रावधानों में बदलाव जरूरी

By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:29 AM)

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पर पूरे देश में चर्चा जारी है। इस विधेयक को लेकर मुस्लिम संगठन और कई नेता विरोध जता रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार को अब एक महत्वपूर्ण समर्थन मिल गया है। केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने इस विधेयक के समर्थन में आवाज़ उठाई है और राज्य के सांसदों से इसके पक्ष में मतदान करने की अपील की है।

KCBC ने की विधेयक के पक्ष में मतदान की अपील

KCBC ने 29 मार्च 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में वक्फ अधिनियम की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण धाराओं में संशोधन की मांग की है। परिषद का कहना है कि वर्तमान वक्फ अधिनियम में कई प्रावधान ऐसे हैं जो अन्य समुदायों के साथ अन्याय करते हैं और इसे संतुलित बनाने की जरूरत है।

मुनंबन भूमि विवाद का जिक्र

KCBC ने अपनी विज्ञप्ति में केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबन भूमि विवाद का भी उल्लेख किया है। इस इलाके में केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने 404 एकड़ भूमि पर दावा किया था, लेकिन यहां 600 से अधिक परिवार दशकों से रह रहे हैं। इनमें लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू शामिल हैं। इन परिवारों का कहना है कि उन्होंने यह भूमि कानूनी रूप से फारूक कॉलेज से खरीदी थी और वे इसे छोड़ने के लिए बाध्य नहीं होंगे।

 

BJP ने KCBC के रुख की सराहना की

KCBC के अध्यक्ष कार्डिनल क्लेमिस कथोलिका बावा, उपाध्यक्ष बिशप पॉली कन्नूक्कटन और महासचिव बिशप एलेक्स वडक्कुमथला ने विधेयक के समर्थन में अपने विचार रखते हुए सांसदों से इसके पक्ष में वोट देने की अपील की। BJP ने KCBC के इस निर्णय की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण समर्थन बताया। पार्टी का मानना है कि यह विधेयक सभी समुदायों के लिए न्यायसंगत कानून सुनिश्चित करेगा।

केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) का प्रभाव

KCBC एक शक्तिशाली संगठन है जो सिरो-मालाबार, लैटिन और सिरो-मलंकरा चर्चों से जुड़े कैथोलिक बिशपों का प्रतिनिधित्व करता है। यह परिषद पहले भी वक्फ अधिनियम में संशोधन की मांग संसद की संयुक्त समिति के समक्ष कर चुकी है।

मुनंबन भूमि विवाद में पीड़ितों को न्याय की उम्मीद

KCBC का मानना है कि वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने से मुनंबन में वर्षों से बसे परिवारों को न्याय मिल सकेगा। राज्य सरकार ने कब्जाधारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक न्यायिक आयोग नियुक्त किया था, लेकिन हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने इस आयोग की नियुक्ति को रद्द कर दिया। इससे स्थानीय समुदायों में मतभेद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

कांग्रेस और IUML की भूमिका

केरल की सत्तारूढ़ CPM और विपक्षी कांग्रेस ने भूमि कब्जाधारियों का समर्थन किया था, लेकिन दोनों दलों ने केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। हालांकि, कांग्रेस गठबंधन में शामिल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने बिशपों से बातचीत कर यह आश्वासन दिया कि मुस्लिम समुदाय मुनंबन के ईसाई कब्जाधारियों को बेदखल करने के पक्ष में नहीं है।

BJP के लिए अहम घटनाक्रम

केरल में राजनीतिक रूप से अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही BJP के लिए KCBC का यह समर्थन एक अहम घटनाक्रम माना जा रहा है। यह विधेयक केरल में विभिन्न समुदायों के बीच संतुलन बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।

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