🕒 Published 6 months ago (8:51 AM)
केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश: भाजपा का आरोप, नियमों की अनदेखी
केंद्र सरकार ने हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले की नवीनीकरण प्रक्रिया को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश तब जारी किया गया जब भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इस विवादित मामले ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।
भाजपा का आरोप: नियमों की अनदेखी
केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश तब सामने आया जब भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सीवीसी को लिखित शिकायत दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगले के नवीनीकरण में नियमों की भारी अनदेखी की गई। विजेंद्र गुप्ता का दावा है कि इस नवीनीकरण में न केवल भवन के नियमों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि इसमें जनता के पैसों का दुरुपयोग भी किया गया है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग की कार्रवाई
केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा जारी किया गया, जिसमें सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) को इस मामले की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सीवीसी ने पहले इस मामले की प्रारंभिक जांच कराई थी, जिसके बाद यह स्पष्ट हुआ कि भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के गंभीर आरोप हैं।
40,000 वर्ग गज में बना बंगला
भाजपा के आरोप के अनुसार, केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश इसलिए भी दिया गया क्योंकि इस बंगले का क्षेत्रफल नियमों से कहीं ज्यादा बढ़ा दिया गया। 40,000 वर्ग गज में फैले इस बंगले में अतिरिक्त जमीन जोड़कर इसे और बड़ा कर दिया गया, जो कि पूरी तरह से अवैध है। FAR (फ्लोर एरिया रेशियो) मानदंडों का पालन नहीं किया गया और अन्य प्लॉट्स को भी इसमें शामिल किया गया, जो पहले अन्य सरकारी अधिकारियों के आवास थे।
जनता के पैसों का दुरुपयोग?
इस मामले में भाजपा ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि बंगले के नवीनीकरण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जो कि टैक्सपेयर्स के पैसों का दुरुपयोग है। भाजपा का कहना है कि यह नवीनीकरण निर्धारित बजट से कहीं अधिक हुआ है और इसमें महंगे सजावटी आइटम्स का भी इस्तेमाल किया गया है, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
‘शीश महल’ घोटाला
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने इसे ‘शीश महल घोटाला’ का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश इस बात को साबित करेगा कि जनता के पैसे का किस तरह से दुरुपयोग किया गया है। विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि उन्होंने CVC को दो बार शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया और अब विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।

सीपीडब्ल्यूडी की जांच रिपोर्ट
सीवीसी ने 13 फरवरी 2025 को केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश जारी करते हुए सीपीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि वह इस मामले की पूरी समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट सौंपे। अब यह देखना होगा कि इस जांच के बाद क्या नतीजे सामने आते हैं और केजरीवाल सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सही साबित होते हैं या नहीं।
निष्कर्ष
केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां भाजपा इसे भ्रष्टाचार का खुलासा बता रही है, वहीं आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अब सबकी नजरें इस जांच के नतीजों पर हैं, जिससे यह स्पष्ट हो पाएगा कि क्या वास्तव में नियमों की अनदेखी हुई है या नहीं।
इस मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव और बढ़ सकता है, क्योंकि यह मामला न केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा है, बल्कि इसे राजनीतिक मोड़ भी दिया जा रहा है। केजरीवाल के बंगले की जांच का आदेश आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति के केंद्र में रहेगा।
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