🕒 Published 1 week ago (12:19 PM)
Kangana Ranaut Sharmistha Panoli arrest: 22 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है उनका ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिया गया एक विवादित बयान, जिसने सोशल मीडिया से लेकर सियासत तक हलचल मचा दी है। कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया, जिसके बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है। मामला सिर्फ एक वीडियो से शुरू हुआ और अब ये देशभर में बहस का मुद्दा बन गया है। तो आखिर कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली और क्यों हो रहा है उनके बयान पर इतना बवाल? चलिए जानते हैं।
शर्मिष्ठा पनोली, एक 22 साल की लॉ छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जो कोलकाता के आनंदपुर से ताल्लुक रखती हैं और फिलहाल पुणे में पढ़ाई कर रही हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 13 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और वह सोशल मीडिया पर अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। लेकिन यही बेबाकी अब उनके लिए बड़ी मुश्किल बन गई है।
हाल ही में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के ‘तीन खान’ की चुप्पी पर सवाल उठाया और एक विशेष समुदाय पर विवादित टिप्पणी कर दी। इस वीडियो में आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया था। देखते ही देखते वीडियो वायरल हुआ और शिकायत दर्ज हो गई। धार्मिक भावनाएं भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि विवाद बढ़ने पर शर्मिष्ठा ने अपना वीडियो डिलीट कर दिया और माफी भी मांगी, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं रुकी। 30 मई को उनकी गिरफ्तारी हुई और 31 मई को कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस मामले में अब राजनीति भी गर्मा गई है। बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा के समर्थन में बयान देते हुए कहा कि अगर उन्होंने माफी मांग ली है और वीडियो डिलीट कर दिया है, तो उन्हें और सजा देना ठीक नहीं है। कंगना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा – “बंगाल को नॉर्थ कोरिया मत बनाइए।”
वहीं बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी इस गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार सिर्फ सनातनियों के खिलाफ कार्रवाई करती है। उन्होंने सायोनी घोष और महुआ मोइत्रा के मामलों का उदाहरण देते हुए पूछा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी इस गिरफ्तारी को ‘पुलिस पावर का मिसयूज’ बताया और कहा कि जब तक कोई तात्कालिक खतरा न हो, तब तक इस तरह की अंतरराज्यीय गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए।
वीडियो वायरल होने के बाद शर्मिष्ठा को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, धमकियां और गिरफ्तारी जैसी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। अब जब वो न्यायिक हिरासत में हैं, सवाल उठ रहे हैं कि क्या माफी मांगने के बावजूद उन्हें सजा देना सही है?
तो क्या यह मामला कानून का सही पालन है या फिर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला? क्या सोशल मीडिया पर अपनी राय रखना अब अपराध बनता जा रहा है? और क्या शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी एक मिसाल बनेगी या एक बहस की शुरुआत? आने वाले दिनों में कोर्ट का फैसला इस पर मोहर लगाएगा, लेकिन फिलहाल यह मामला सोशल मीडिया से लेकर संसद तक चर्चा का विषय बना हुआ है।