बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में तैयार इस सूची में जातीय संतुलन, पुराने भरोसेमंद नेताओं और क्षेत्रीय प्रभाव वाले चेहरों को तवज्जो दी गई है।
57 उम्मीदवारों की पहली सूची
जेडीयू ने कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और पहली सूची में 57 प्रत्याशियों के नाम सामने आए हैं। इन उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्रीय दबदबे और जातिगत समीकरणों का गहराई से अध्ययन किया गया है।
जातिगत समीकरणों का खास ध्यान
इस सूची में 23 उम्मीदवार लव-कुश (गैर-यादव ओबीसी) समुदाय से हैं, जबकि 9 अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं। दलित समुदाय से 12 उम्मीदवार शामिल किए गए हैं। यह स्पष्ट है कि जेडीयू का फोकस सामाजिक न्याय और बहुसंख्यक जातीय समूहों पर है।
महिलाओं और नए चेहरों को भी मौका
पार्टी ने 4 महिलाओं को टिकट दिया है। साथ ही 27 नए चेहरे पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। 11 प्रत्याशी वे हैं जो 2020 का चुनाव हार चुके थे लेकिन इस बार उन्हें फिर से मौका मिला है।
बाहुबलियों की वापसी
इस बार भी पार्टी ने बाहुबली नेताओं पर भरोसा जताया है। मोकामा से अनंत सिंह, एकमा से धूमल सिंह और कुचायकोट से अमरेन्द्र पांडे को उम्मीदवार बनाया गया है। इनमें से अनंत सिंह ने तो नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
5 मंत्रियों को दोबारा टिकट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट सहयोगियों पर भरोसा कायम रखा है। रतनेश सदा, सुनील कुमार, विजय चौधरी, महेश्वर हजारी और श्रवण कुमार को फिर से प्रत्याशी बनाया गया है।
चिराग पासवान को दिया राजनीतिक संदेश
जेडीयू ने उन चार सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं जिन पर एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान की दावेदारी थी। यह गठबंधन के अंदर नीतीश कुमार की स्थिति को स्पष्ट रूप से मजबूत करता है।
मुस्लिम उम्मीदवारों की गैर मौजूदगी
पहली सूची में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है, जिससे सियासी बहस तेज हो गई है। 2020 में 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट मिला था, लेकिन इस बार उन्हें नजरअंदाज किया गया है। हालांकि दूसरी सूची में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की संभावना जताई जा रही है।
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