जयशंकर का करारा पलटवार: ‘समंदर के सिकंदर’ यूनुस को दिखाई सच्चाई, पाकिस्तान समर्थक रह गया निशब्द

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By Pragati Tomer

🕒 Published 4 months ago (6:13 AM)

जयशंकर का करारा पलटवार: ‘समंदर के सिकंदर’ यूनुस को दिखाई सच्चाई, पाकिस्तान समर्थक रह गया निशब्द

नई दिल्ली – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का करारा पलटवार एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार निशाने पर हैं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस, जिन्होंने हाल ही में चीन यात्रा के दौरान भारत के पूर्वोत्तर को “जमीन से घिरा हुआ” करार देते हुए बांग्लादेश को बंगाल की खाड़ी का “अकेला संरक्षक” बताया था। यूनुस के इस बयान पर न सिर्फ भारत की जनता बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी गुस्सा फूटा और जयशंकर का करारा पलटवार उसी गुस्से की एक दमदार प्रतिक्रिया बनकर सामने आया।

पहली ही लाइन में आग – “भारत के पास है सबसे लंबी समुद्री सीमा”

थाईलैंड में छठे BIMSTEC सम्मेलन के दौरान मंच से बोलते हुए जयशंकर का करारा पलटवार सीधे-सीधे यूनुस के दावों को चुनौती देता नजर आया। उन्होंने कहा, “आख़िरकार, भारत के पास बंगाल की खाड़ी से लगी हुई लगभग 6,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा है।” इस एक लाइन से ही उन्होंने यूनुस की बातों को धराशायी कर दिया।

यूनुस के झूठ की परतें उधेड़ी

यूनुस ने चीन में बयान देते हुए दावा किया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य पूरी तरह से जमीन से घिरे हुए हैं और इसलिए बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए समुद्र तक पहुंच का एकमात्र जरिया है। लेकिन जयशंकर का करारा पलटवार इस झूठ को तथ्यों से नष्ट करता है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की पूर्वोत्तर सीमा अब एक कनेक्टिविटी हब के रूप में उभर रही है, जहां से सड़क, रेल, जलमार्ग और पाइपलाइनों के ज़रिए कई देशों से संपर्क संभव है।

पूर्वोत्तर बना भारत का नया शक्ति केंद्र

जयशंकर का करारा पलटवार यहीं नहीं रुका। उन्होंने आगे बताया कि भारत न सिर्फ BIMSTEC के पांच सदस्य देशों के साथ सीमाएं साझा करता है, बल्कि एक ऐसा इंटरफेस भी है जो दक्षिण एशिया को ASEAN से जोड़ता है। उनका कहना था कि भारत का पूर्वोत्तर अब अलग-थलग नहीं, बल्कि भविष्य का केंद्र बिंदु है।

चुटकी लेते हुए कहा – “सहयोग सिर्फ फायदा लेने के लिए नहीं होता”

जयशंकर ने मंच से एक चुटीली टिप्पणी करते हुए कहा, “सहयोग केवल लाभ उठाने के लिए नहीं होता। यह एक साझा सोच और प्रतिबद्धता की मांग करता है।” इस बयान में जयशंकर का करारा पलटवार यूनुस के उस रवैये पर था जो केवल अपने हितों को सर्वोपरि रखता है।

पाकिस्तान की तरफ झुके यूनुस?

जिन मोहम्मद यूनुस की बात की जा रही है, वे इन दिनों बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने में काफी सक्रिय दिख रहे हैं। ऐसे में उनका भारत विरोधी बयान और चीन से करीबी बढ़ाने की मंशा को लेकर भारत में कड़ी प्रतिक्रियाएं आई हैं। लेकिन जिस तरीके से जयशंकर का करारा पलटवार आया, उससे ये साफ हो गया कि भारत अब किसी भी गलत बयान को नजरअंदाज नहीं करेगा।

जयशंकर का करारा पलटवार

सोशल मीडिया पर आग, जनता ने कहा – “शेर है जयशंकर”

जयशंकर का करारा पलटवार सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग जयशंकर को ‘भारत का शेर’ बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जयशंकर ने यूनुस को उसी की भाषा में जवाब दिया, अब बोले तो क्या बोले?”

असम-मणिपुर के नेताओं ने भी दिया समर्थन

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनुस की टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए कहा कि यह बयान सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे BIMSTEC के लिए खतरा है। वहीं मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी कहा कि यूनुस क्षेत्र को एक रणनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। जयशंकर का करारा पलटवार इन नेताओं के लिए भी समर्थन का विषय बन गया है।

चीन की चालाकी और यूनुस का झुकाव

इस पूरी कहानी में चीन की भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। यूनुस की चीन यात्रा के दौरान दिए गए बयानों से साफ है कि वे चीन के आर्थिक प्रभाव को बांग्लादेश में बढ़ावा देना चाहते हैं। और उसी रणनीति के तहत उन्होंने भारत के खिलाफ बयानबाज़ी की। लेकिन जयशंकर का करारा पलटवार इन चालों को भी बेनकाब करता है।

BIMSTEC में भारत की भूमिका

BIMSTEC यानी Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation, एक ऐसा संगठन है जो क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत इसकी स्थापना से ही महत्वपूर्ण सदस्य रहा है। ऐसे में जब यूनुस जैसे लोग गलत बयान देकर माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं, तो जयशंकर का करारा पलटवार उनकी बोलती बंद करने के लिए काफी होता है।

भारत का बदलता रुख – अब चुप नहीं रहेगा

भारत की विदेश नीति में बदलाव साफ देखा जा सकता है। अब कोई भी गलत बयान या दावे चुपचाप सहन नहीं किए जाएंगे। जयशंकर का करारा पलटवार इसी नीति की जीती-जागती मिसाल है। अब भारत तथ्यों के साथ जवाब देता है और सामने वाले को कोई मौका नहीं देता बगलें झांकने का।

यूनुस की खामोशी – जवाब नहीं बना

जयशंकर का करारा पलटवार इतना दमदार था कि यूनुस की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या कहें। सोशल मीडिया पर लोग इसे “शब्दों से हुई सर्जिकल स्ट्राइक” बता रहे हैं।

भारत की जनता गर्वित

देश भर में लोग जयशंकर का करारा पलटवार देख गर्व महसूस कर रहे हैं। युवा वर्ग खासतौर पर विदेश मंत्री की रणनीतिक शैली से प्रभावित हुआ है। एक छात्रा ने कहा, “हम ऐसे ही नेता चाहते हैं जो बिना डरे, बिना झुके, देश की बात दुनिया के सामने रख सकें।”

निष्कर्ष: यह सिर्फ जवाब नहीं, एक संदेश था

जयशंकर का करारा पलटवार सिर्फ मोहम्मद यूनुस को जवाब नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था – भारत अब तथ्यों के साथ, गरिमा के साथ, और दमदार भाषा में अपने हितों की रक्षा करेगा। यह जवाब था उन सभी के लिए जो भारत को हल्के में लेते हैं, जो सोचते हैं कि कुछ भी बोल दो और भारत चुप रहेगा। नहीं! अब ऐसा नहीं होगा।

जयशंकर की इस शैली ने न सिर्फ एक नया मानदंड स्थापित किया है, बल्कि आने वाले समय में भारत की कूटनीति को एक नई पहचान भी दी है। और इस पूरे घटनाक्रम में एक बात तो तय है – जयशंकर का करारा पलटवार इतिहास में दर्ज हो चुका है।

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