भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध के बीच विदेश मंत्री एस. Jaishankar के तीखे बयान ने वाशिंगटन तक हलचल मचा दी है। इस बयान की अमेरिका के कई टीवी चैनलों पर गूंज सुनाई दी, जिसके बाद अमेरिका के रुख में नरमी देखने को मिली।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार से भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास और गहरी हो गई। इस तनाव के बीच जयशंकर का बयान अमेरिका की राजनीति और मीडिया दोनों में चर्चा का विषय बना।
जयशंकर का तीखा पलटवार
भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका की नाराजगी को लेकर जयशंकर ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा— “अगर अमेरिका को भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने से दिक्कत है, तो वह भारत से परिष्कृत तेल (Refined Oil) लेना बंद कर दे।”
जयशंकर की यह प्रतिक्रिया न सिर्फ भारत के आत्मविश्वास को दिखाती है, बल्कि अमेरिकी मीडिया में भी जोरदार बहस का कारण बनी।
अमेरिकी चैनलों पर गरमागरम बहस
अमेरिका के फॉक्स टीवी पर एक एंकर ने यही सवाल अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा। एंकर ने कहा— “भारत के विदेश मंत्री ने साफ कह दिया है कि अगर अमेरिका को रूसी तेल की खरीद से समस्या है, तो उसे भारत से रिफाइंड तेल लेना बंद कर देना चाहिए। इस पर आपका क्या कहना है?”
इस सवाल के जवाब में अमेरिकी वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि भारत को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा— “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। अंततः हम एक साथ आ ही जाएंगे।”
अमेरिका का बदला रुख
अमेरिकी वित्त मंत्री के इस बयान से साफ झलकता है कि अमेरिका भारत से टकराव के नुकसान को समझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर का यह कड़ा रुख भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा और अमेरिका को मजबूर करेगा कि वह भारत के साथ साझेदारी बनाए रखे।


