पुणे: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार को डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इस शानदार जीत की हीरो जेमिमा रोड्रिग्स रहीं, जिन्होंने अपनी नाबाद शतकीय पारी से टीम इंडिया को यादगार जीत दिलाई। उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। मैच के बाद जेमिमा ने अपनी भावनाओं को साझा किया और बताया कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने मानसिक और भावनात्मक रूप से कितनी चुनौतियों का सामना किया।
विषयसूची
मैच के बाद जेमिमा का भावुक बयान
प्लेयर ऑफ द मैच चुने जाने के बाद जेमिमा ने कहा, “सबसे पहले मैं ईश्वर का धन्यवाद करना चाहती हूं, क्योंकि मैं यह सब अकेले नहीं कर सकती थी। मेरी सफलता में मेरे माता-पिता, कोच और उन सभी का योगदान है जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा। पिछले चार महीने बहुत कठिन रहे, लेकिन आज जो हासिल हुआ है, वह एक सपने जैसा है।”
हर दिन रोने की कहानी
जेमिमा ने खुलासा किया कि इस दौरे में वह लगभग हर दिन रोती रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं थी और चिंता से जूझ रही थी। फिर भी मुझे पता था कि मैदान पर उतरना ही होगा। शुरुआत में मैं बस खेल रही थी और खुद से बातें कर रही थी। अंत में, मैं बाइबल की एक आयत दोहराती रही – ‘स्थिर रहो और भगवान तुम्हारे लिए लड़ेंगे।’ मैंने वहीं खड़े होकर विश्वास किया, और भगवान ने मेरी लड़ाई लड़ी।”
टीम इंडिया की चुनौतीपूर्ण स्थिति
भारत को जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 339 रन का लक्ष्य दिया था। शुरुआत में टीम मुश्किल में नजर आई, क्योंकि सिर्फ 59 रन पर मंधाना और शेफाली का विकेट गिर गया। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आईं जेमिमा रोड्रिग्स ने साहसिक अंदाज में खेलते हुए 134 गेंदों पर 127 रन बनाए, जिसमें 14 चौके शामिल थे।
रोड्रिग्स और हरमनप्रीत की साझेदारी
जेमिमा को कप्तान हरमनप्रीत कौर का भी अच्छा साथ मिला। हरमनप्रीत ने 88 गेंदों पर 89 रन की पारी खेली। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 167 रन की निर्णायक साझेदारी हुई, जिसने भारत को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। दीप्ति शर्मा ने 24, ऋचा घोष ने 26 और अमनजोत कौर ने नाबाद 15 रन बनाकर टीम की जीत में योगदान दिया।
रिकॉर्ड तोड़ जीत
भारत ने 48.3 ओवर में 5 विकेट पर 341 रन बनाकर मैच 5 विकेट से जीता। यह मुकाबला महिला वनडे क्रिकेट में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बन गया, क्योंकि इससे पहले सबसे बड़ा लक्ष्य 331 रन हासिल किया गया था। 339 रन का लक्ष्य हासिल कर भारतीय टीम ने नया रिकॉर्ड कायम किया और फाइनल में जगह बनाई।
जेमिमा की प्रेरक कहानी
जेमिमा की इस पारी ने न केवल मैच जीताया, बल्कि उनकी मानसिक मजबूती और धैर्य को भी प्रदर्शित किया। उनके प्रदर्शन ने यह साबित किया कि चुनौतियों के बावजूद आत्मविश्वास और ईश्वर में विश्वास से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। जेमिमा की कहानी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
टीम इंडिया की मजबूती
इस जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सामूहिक ताकत और रणनीति को भी उजागर किया। कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स की साझेदारी ने दिखाया कि दबाव की स्थिति में भी टीम संयम और समझदारी से खेल सकती है। इस जीत से टीम का मनोबल बढ़ा है और फाइनल में भारत के जीतने की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।
फाइनल की तैयारियां
अब टीम इंडिया फाइनल में खेलते हुए अपनी रणनीति को और सुदृढ़ करेगी। खिलाड़ियों ने इस जीत से आत्मविश्वास हासिल किया है और फाइनल में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रहे हैं। जेमिमा और हरमनप्रीत की जोड़ी अब फैंस की उम्मीदों की सबसे बड़ी वजह बन गई है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत केवल एक मैच की जीत नहीं है, बल्कि टीम की मेहनत, जुझारूपन और आत्मविश्वास की जीत है। जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद शतकीय पारी और टीम की सामूहिक कोशिश ने भारत को फाइनल में पहुंचाया और महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नई मिसाल कायम की।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

