ISRO Satellite Launch : इसरो का EOS-09 मिशन अधूरा, तीसरे चरण में आई तकनीकी बाधा

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By Hindustan Uday

🕒 Published 3 months ago (1:49 AM)

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का शनिवार को किया गया PSLV-C61 रॉकेट का प्रक्षेपण पूर्णतः सफल नहीं हो सका। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से छोड़े गए इस रॉकेट को EOS-09 सैटेलाइट को सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित करना था, लेकिन तीसरे चरण में आई तकनीकी रुकावट के चलते यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया।

तीसरे चरण में आई रुकावट
लॉन्च के बाद रॉकेट के पहले और दूसरे चरण का संचालन सामान्य रूप से हुआ, लेकिन जैसे ही तीसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हुई, एक तकनीकी गड़बड़ी सामने आई। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने जानकारी देते हुए बताया कि तीसरे चरण में एक अवरोध आने के कारण मिशन को पूरी तरह सफल नहीं बनाया जा सका। फिलहाल मिशन से जुड़ा डेटा एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि यह समझा जा सके कि समस्या कहां उत्पन्न हुई और भविष्य में इसे कैसे सुधारा जाए।

EOS-09 का उद्देश्य और महत्व
EOS-09 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-09) को विशेष रूप से रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया था। यह सैटेलाइट पूर्व में लॉन्च किए गए EOS-04 का उन्नत संस्करण था। इसका मुख्य उद्देश्य एंटी-टेरर ऑपरेशनों, सीमा पर घुसपैठ की निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान में मदद करना था। इसके जरिये देश को लगातार और सटीक भू-पर्यवेक्षण आंकड़े मिलने की उम्मीद थी।

तकनीकी टीम करेगी गहन जांच
इसरो की तकनीकी टीम अब इस विफलता के कारणों की गहराई से जांच करेगी। एजेंसी का कहना है कि जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि तीसरे चरण में क्या खामी रही, तब तक आगे की योजनाओं पर निर्णय नहीं लिया जाएगा। जल्द ही मिशन के दोबारा प्रयास की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

यह घटनाक्रम भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक अस्थायी झटका जरूर है, लेकिन इसरो के अनुभव और तकनीकी दक्षता को देखते हुए जल्द ही वापसी की उम्मीद की जा रही है।

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