🕒 Published 16 hours ago (9:28 AM)
Israel Vs Iran War: मध्य पूर्व में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव अब सीधे युद्ध में तब्दील हो चुका है। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। जवाब में ईरान ने भी मिसाइलों की बौछार कर दी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा – “इजरायल ने जहन्नुम के दरवाजे खोल दिए हैं, और हम उन्हें इस हमले की कीमत चुकाने पर मजबूर करेंगे।”
इजरायल ने पहले से की थी तैयारी
खबरों के मुताबिक, इजरायल ने इस हमले की पूर्व योजना बना रखी थी। ड्रोन और फाइटर जेट्स को ईरानी सीमा में पहले ही तैनात कर दिया गया था। लक्ष्य थे – परमाणु स्थलों, वरिष्ठ जनरलों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाना। इजरायल ने इस ऑपरेशन को नाम दिया है – “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन”।
इजरायली सेना का कहना है कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार निर्माण की रफ्तार को रोकने के लिए आवश्यक था।
शुक्रवार को मिसाइलों की बौछार
शुक्रवार को दिन भर इजरायल के हमले चलते रहे और रात होते-होते ईरान ने भी तेल अवीव और यरुशलम पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इन हमलों से कई इमारतें हिल गईं और जोरदार धमाके सुने गए। शनिवार सुबह तक यरुशलम के आसमान में सायरन और धमाकों की आवाजें गूंजती रहीं।
इजरायली सेना ने नागरिकों को शेल्टर में रहने की चेतावनी दी है। देशभर में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
अब तक की क्षति: दोनों तरफ भारी नुकसान
ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने जानकारी दी है कि इजरायली हमलों में 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 320 से अधिक लोग घायल हैं। वहीं इजरायल के अनुसार, तेल अवीव में मिसाइल अटैक से 34 लोग घायल हुए, जिनमें एक महिला की हालत गंभीर है।
ईरान के टॉप सैन्य अधिकारियों की मौत
इजरायली हमलों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इनमें मुख्य रूप से:
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जनरल मोहम्मद बाघेरी – ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ
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हुसैन सलामी – इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ
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घोलमाली रशीद – खातम-अल-अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के प्रमुख
इसके अलावा, छह परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है।
नतांज परमाणु संयंत्र भी बना निशाना
इजरायल ने ईरान के नतांज स्थित परमाणु संयंत्र, जो ईरान के परमाणु ईंधन उत्पादन का प्रमुख केंद्र है, पर भी हमला किया। यह संयंत्र भूमिगत है और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हमले से कितनी क्षति हुई है।
ईरान ने अपनी जवाबी कार्रवाई को नाम दिया है – “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3″।
अमेरिका की भूमिका
इजरायल को इस संघर्ष में अमेरिका से भी समर्थन मिल रहा है। खबर है कि अमेरिका के ग्राउंड-एयर डिफेंस सिस्टम ने कई ईरानी मिसाइलों को बीच रास्ते में ही मार गिराया है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में अमेरिकी इंटेलिजेंस और एयर डिफेंस इजरायल की मदद कर रहे हैं।
तेल अवीव के पास रमत गान क्षेत्र में मिसाइलों की चपेट में आई कई कारें जल गईं और तीन मकानों को भारी नुकसान पहुंचा।
युद्ध की आशंका गहराई
इजरायल और ईरान के बीच चल रही यह खुली जंग अब पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ती नजर आ रही है। पश्चिम एशिया के अन्य देश भी इस तनाव की चपेट में आने से डरे हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयम बरतने की अपील की है, लेकिन हालात फिलहाल काबू से बाहर जाते दिख रहे हैं।