🕒 Published 1 month ago (9:35 AM)
नेशनल डेस्क। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हाल ही में हुए हमले को लेकर एक सनसनीखेज दावा सामने आया है। खोरसान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इस हमले के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग किया है। हालांकि अभी तक अमेरिका और पाकिस्तान सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या ट्रंप के मोहरे बन गए हैं पाक सेना प्रमुख?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर यह अनुमति दी। कुछ दिनों पहले ही ट्रंप ने मुनीर को एक विशेष लंच पर आमंत्रित किया था, जहां कथित तौर पर पाकिस्तान के एयरबेस और पोर्ट के इस्तेमाल को लेकर बातचीत हुई थी। अगर रिपोर्ट में किया गया दावा सही साबित होता है, तो इससे साफ होता है कि पाकिस्तानी सेना की शीर्ष नेतृत्व अमेरिका के इशारों पर काम कर रहा है।
ईरान के परमाणु संयंत्र पर ‘बंकर बस्टर’ हमला
अमेरिका ने ईरान के फोर्दो स्थित परमाणु संवर्धन संयंत्र को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक ‘बंकर बस्टर’ बम का इस्तेमाल किया। यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ अपनी सैन्य भागीदारी को और मजबूत किया है।
बंकर बस्टर की ताकत
यह विशेष प्रकार का बम सतह को भेदकर काफी गहराई में जाकर विस्फोट करता है। अमेरिकी वायुसेना के अनुसार, इस बम का वजन लगभग 13,600 किलोग्राम होता है और यह 200 फीट से अधिक गहराई में छिपे दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है। इसे खासतौर पर स्टील्थ बी-2 बॉम्बर से गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो दुनिया के चुनिंदा सैन्य संसाधनों में से एक है।
हमले में कितने बमों का इस्तेमाल हुआ, जानकारी स्पष्ट नहीं
अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ईरान पर हुए इस हमले में कितने ‘बंकर बस्टर’ बमों का इस्तेमाल हुआ। लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
नतीजों का इंतजार
यह हमला क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। अगर पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की बात की पुष्टि होती है, तो इससे इस्लामाबाद-तेहरान रिश्तों पर भी गहरा असर पड़ सकता है। अमेरिका और ईरान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण माहौल अब और गंभीर हो सकता है।