🕒 Published 1 month ago (7:30 AM)
डेस्क। ईरान और इजरायल के बीच बीते 12 दिनों से जारी युद्ध अब थमता नजर आ रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की है। ट्रंप ने अपने एक्स पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की कि ईरान और इजरायल एक अस्थायी युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, जो कुछ घंटों में लागू होगा।
ट्रंप का दावा – 6 घंटे बाद लागू होगा युद्धविराम
ट्रंप ने अपने पोस्ट में बताया कि अब से लगभग 6 घंटे बाद, जब दोनों देश अपने अंतिम सैन्य अभियानों को पूरा कर लेंगे, तब यह सीजफायर लागू होगा। उन्होंने कहा कि ईरान पहले युद्धविराम शुरू करेगा और उसके 12 घंटे बाद इजरायल भी कार्रवाई रोक देगा। इसके 24 घंटे बाद इस 12 दिवसीय युद्ध का औपचारिक समापन माना जाएगा।
शांति बनाए रखने की अपील
पूर्व राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि युद्धविराम के दौरान दोनों पक्षों को शांत और सम्मानजनक व्यवहार करना होगा। उन्होंने ईरान और इजरायल की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों देशों ने धैर्य, साहस और समझदारी के साथ एक लंबे युद्ध को टाल दिया है, जो अगर जारी रहता तो पूरे मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था। ट्रंप ने अपने संदेश में अमेरिका, इजरायल, ईरान, मध्य पूर्व और पूरी दुनिया के लिए शांति की कामना की।
समझौते को लेकर मिश्रित संकेत
हालांकि शुरू में यह स्पष्ट नहीं था कि क्या यह एक औपचारिक समझौता है, क्योंकि कुछ ईरानी सूत्रों ने इस पर सवाल उठाए। ईरान के कुछ अधिकारियों का कहना था कि वह ट्रंप के किसी भी प्रस्ताव पर तभी विचार करेगा जब इजरायल पहले गोलीबारी बंद करेगा। उनका कहना था कि चूंकि ईरान ने युद्ध शुरू नहीं किया था, इसलिए वह इसका अंत करने वाला भी नहीं होगा।
कतर की भूमिका रही अहम
इस समझौते में कतर की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। ट्रंप ने कतर के अमीर से संपर्क किया और अनुरोध किया कि ईरान को भी युद्धविराम के लिए तैयार किया जाए। इसके बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस ने कतर के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। बातचीत सफल रही और ईरान ने भी सीजफायर पर सहमति जताई। यह पूरी प्रक्रिया उच्च स्तर पर समन्वय के साथ पूरी की गई।
अंतिम उम्मीद की ओर बढ़ता संघर्ष
- अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह युद्धविराम वास्तविक शांति में बदलेगा या सिर्फ एक अस्थायी विराम साबित होगा। फिलहाल यह राहत भरी खबर उन सभी के लिए बड़ी उम्मीद है जो इस युद्ध से प्रभावित हुए हैं या जिनके अपने युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं।