लंदन | 14 जुलाई 2025
भारतीय परंपरा और खानपान को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक दिन जुड़ गया। शनिवार, 13 जुलाई को मनाया गया दूसरा अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस, इस वर्ष 65 देशों में उल्लास और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया गया।
विषयसूची
एशिया से अमेरिका तक, हर कोने में चूरमा की मिठास
कार्यक्रम का दायरा इस बार केवल भारत या प्रवासी भारतीयों तक सीमित नहीं रहा। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे पाँच महाद्वीपों से हजारों भारतीय मूल के लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया। अनिल बैनीवाल जुगलान के अनुसार, यह आयोजन न केवल स्वाद का, बल्कि संस्कृति, पहचान और एकता का प्रतीक बन गया।
नेताओं और अधिकारियों की शुभकामनाएं
इस अवसर पर भारत के कई वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों ने अपने शुभकामना संदेश भेजकर इस सांस्कृतिक अभियान को सराहा। शुभकामना भेजने वालों में शामिल रहे:
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी
सांसद धर्मबीर सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, हनुमान बेनीवाल, कमलजीत सहरावत और हरेंद्र मलिक
विधायक कृष्ण लाल मिड्डा, अर्जुन चौटाला, पूर्व विधायक बलराज कुंडू
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सागरप्रीत हूडा
सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह
पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, जेपी दलाल और हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष प्रतिनिधि वीरेंद्र बडखालसा
संस्कृति से जुड़े लोग भी हुए शामिल
हरियाणा के मशहूर गायक ख़ासा आला चाहर और बिंदर दनोदा, पर्वतारोही अनिता कूंडू और जननेता गजेन्द्र फोगाट जैसे लोकप्रिय चेहरे भी कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए। सभी ने पारंपरिक व्यंजनों की वैश्विक पहचान पर गर्व जताया।
आयोजकों का उद्देश्य
काउंसलर रोहित अहलावत ने आयोजन की भावना को समझाते हुए कहा:
“इस आयोजन का मूल उद्देश्य हमारे देश की ग्रामीण विरासत और पारंपरिक व्यंजनों को वैश्विक मानचित्र पर प्रतिष्ठा दिलाना है।”
क्या है चूरमा?
चूरमा एक पारंपरिक मिठाई है, जिसे रोटी, देसी घी और गुड़ से बनाया जाता है। यह हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खास पर्वों और तीज-त्योहारों का अनिवार्य हिस्सा रहा है।
विश्वभर से जुड़े संगठन
अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस के आयोजन में विभिन्न देशों के सामाजिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया:
🇬🇧 Haryana in UK और Rajasthan Charitable Trust (इंग्लैंड)
North American Jat Heritage (अमेरिका)
Canadian Jat Association (कनाडा)
Haryanvi Kunba (ऑस्ट्रेलिया)
हरियाणा मैत्री संघ, अहमदाबाद (भारत)
निष्कर्ष
अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस केवल एक व्यंजन उत्सव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है। यह न केवल प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ता है, बल्कि वैश्विक नागरिकों को भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता से भी परिचित कराता है।




