Pahalgam Attack: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले में जहां कई मासूम लोगों की जान चली गई, वहीं अब एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। एक टूरिस्ट ऋषि भट्ट ने उस दिन का वीडियो शेयर करते हुए जिपलाइन ऑपरेटर पर गंभीर शक जताया है। उनका कहना है कि हमले से ठीक पहले जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार ‘अल्लाह-हू अकबर’ के नारे लगाए थे। तो क्या इस हमले में अंदरूनी मदद शामिल थी? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
23 अप्रैल को पहलगाम की खूबसूरत बैसरन घाटी में ऋषि भट्ट अपने परिवार के साथ घूमने आए थे। दिनभर फोटोज और वीडियोज बनाने के बाद उन्होंने जिपलाइन का टिकट लिया। उनके आगे 9 लोग आराम से जिपलाइन का मजा लेकर नीचे पहुंच चुके थे। लेकिन जैसे ही ऋषि भट्ट की बारी आई, जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार ‘अल्लाह-हू अकबर’ के नारे लगाए।
इस नारेबाजी के चंद सेकंड बाद ही घाटी में गोलियों की आवाज गूंजने लगी और आतंकियों ने हमला कर दिया। उस वक्त तो ऋषि भट्ट को इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन अहमदाबाद लौटने के बाद जब उन्होंने फैमिली के साथ बैठकर वीडियो देखा, तो उन्हें ऑपरेटर के व्यवहार पर शक हुआ।
ऋषि भट्ट का कहना है कि वीडियो में साफ दिखता है कि जिपलाइन ऑपरेटर पहले ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहते हुए माहौल बना रहा था, लेकिन अचानक उनके निकलते ही तीन बार ‘अल्लाह-हू अकबर’ चिल्लाया। ऋषि का मानना है कि या तो वह ऑपरेटर इस हमले में शामिल था, या उसे हमले की पूरी जानकारी थी।
अब एनआईए ने इस जिपलाइन ऑपरेटर को पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच एजेंसियां वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर इस पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ने में जुट गई हैं। ऋषि भट्ट का कहना है कि अगर जांच सही दिशा में चली तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
तो पहलगाम हमले की यह नई कड़ी कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है। क्या आतंकियों को स्थानीय मदद मिली थी? क्या हमला सुनियोजित था? और सबसे अहम — क्या इस हमले को टाला जा सकता था? अब सबकी निगाहें एनआईए की जांच और आने वाले दिनों में होने वाले खुलासों पर टिकी हैं।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

