🕒 Published 1 month ago (11:44 AM)
नई दिल्ली। पाकिस्तान की ओर से भारत के 15 शहरों पर किए गए हवाई हमले की साजिश को भारतीय वायुसेना और रूस से आयातित अत्याधुनिक S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया है। दुश्मन के ड्रोन्स और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर देने वाले इस सिस्टम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह भारत की रक्षा का “सुदर्शन कवच” बन चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर-1 में भी दिखा S-400 का पराक्रम
इससे पहले, ऑपरेशन सिंदूर-1 के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए हैमर, स्कैल्प और अन्य प्रिसिशन हथियारों का इस्तेमाल किया था। उस समय भी S-400 ने भारतीय आसमान की सुरक्षा करते हुए जवाबी हमलों को विफल किया और लड़ाकू विमानों को सुरक्षित लौटने में मदद दी थी।
अब तक का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम
S-400 Triumph को रूस ने 2007 में विकसित किया और भारत ने इसे अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली में शामिल कर दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम में जगह बना ली। वहीं पाकिस्तान के पास चीन से खरीदा गया HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसकी क्षमता S-400 के मुकाबले कमजोर मानी जा रही है।
भारत का S-400 बनाम पाकिस्तान का HQ-9: किसमें कितनी ताकत?
पैरामीटर | भारत का S-400 | पाकिस्तान का HQ-9 |
---|---|---|
शुरुआत | रूस, 2007 | चीन, 2001 |
अधिकतम रेंज | 400 किमी | अधिकतम 300 किमी (HQ-9B) |
अधिकतम गति | 17,287 किमी/घंटा (400 किमी वैरिएंट) | मैक 4+ (~4900 किमी/घंटा) |
अधिकतम ऊंचाई | 60 किमी | अधिकतम 50 किमी |
हथियार भार क्षमता | 24 किग्रा से 180 किग्रा | 180 किग्रा |
एक साथ टारगेटिंग | 80 टारगेट्स, 160 मिसाइल | जानकारी उपलब्ध नहीं |
टारगेट्स की विविधता | बमवर्षक, ईडब्ल्यू विमान, बैलिस्टिक मिसाइल आदि | सीमित जानकारी |
S-400 के निशाने पर कौन-कौन?
S-400 बैलिस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट, निगरानी विमान, अर्ली वार्निंग रडार्स और यहां तक कि स्ट्रैटेजिक बमवर्षक B-52 जैसे विमानों को भी मार गिराने में सक्षम है। वहीं HQ-9 की टारगेटिंग क्षमता को लेकर अभी तक ओपन सोर्स में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।
नतीजा क्या निकला?
भारत का S-400 हर मोर्चे पर पाकिस्तान के HQ-9 से आगे है—चाहे वह रेंज हो, गति हो, ऊंचाई हो या एक साथ कई टारगेट्स पर हमला करने की क्षमता। पाकिस्तान की हालिया हवाई साजिश को विफल कर भारत ने यह संदेश दे दिया है कि उसके हवाई क्षेत्र में घुसने की कोशिश करना अब आत्मघाती साबित हो सकता है।