अमेरिकी टैरिफ पर भारत का जवाब: “राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएंगे”

Photo of author

By Hindustan Uday

🕒 Published 2 days ago (8:10 AM)

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर 25% आयात शुल्क लगाने के फैसले पर भारत सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि वह इस निर्णय के प्रभावों का गहराई से अध्ययन कर रही है और “राष्ट्रीय हितों की रक्षा” के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

भारत की संतुलित प्रतिक्रिया
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह बातचीत पिछले कुछ महीनों से जारी है। मंत्रालय ने साथ ही हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का भी हवाला देते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अपने किसानों, एमएसएमई और उद्यमियों के हितों को सर्वोपरि रखा है।

सरकार कर रही है टैरिफ के प्रभावों का आकलन
बयान में कहा गया कि भारत सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा का संज्ञान ले चुकी है और अब इसका असर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार पर कैसा पड़ेगा, इसका आकलन किया जा रहा है। यह भी दोहराया गया कि भारत एक संतुलित समाधान के लिए बातचीत को प्राथमिकता देता है।

एक अगस्त से लागू होंगे नए शुल्क
राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की है कि 1 अगस्त 2025 से भारत पर 25% टैरिफ लागू होंगे। साथ ही, रूस से सैन्य उपकरण और तेल की खरीद पर भारत को अतिरिक्त आर्थिक दंड (पेनल्टी) का भी सामना करना पड़ेगा। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल 25 अगस्त को भारत यात्रा पर आने वाला था।

ट्रंप का बयान: भारत ‘मित्र’, पर व्यापार नीतियां कठोर
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत की व्यापार नीतियों को “दुनिया की सबसे कठिन और अप्रिय” बताते हुए आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन उसने रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा ऐसे समय खरीदे हैं जब अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन में हिंसा रुके।

ट्रंप के अनुसार, भारत से अमेरिकी व्यापार कम है क्योंकि भारत के टैरिफ बहुत ऊंचे हैं और उसके पास कई गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं भी हैं।

रूसी तेल खरीद पर अमेरिका नाराज़
भारत की रूस से तेल की खरीद में बढ़ोत्तरी को भी अमेरिका ने निशाने पर लिया है। ट्रंप के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले जहां भारत की रूसी तेल पर निर्भरता 0.2% थी, वह अब बढ़कर 35-40% हो चुकी है। अमेरिका इसे भूराजनीतिक असहमति के रूप में देख रहा है।

भारत सरकार के शुरुआती रुख से साफ है कि वह टकराव के बजाय समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन राष्ट्रीय हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमेरिका द्वारा टैरिफ और जुर्माना लागू करने के पीछे भले ही कूटनीतिक दबाव हो, लेकिन भारत अब यह स्पष्ट कर चुका है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव में अपने घरेलू हितों की उपेक्षा नहीं करेगा।

Leave a Comment