ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना? जानिए कौनसे जिलों में पहली बार होगी गोल्ड माइनिंग की नीलामी!

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By Pragati Tomer

🕒 Published 5 months ago (7:09 AM)

ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना? जानिए कौनसे जिलों में पहली बार होगी गोल्ड माइनिंग की नीलामी!

ओडिशा, जिसे अब तक अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक संसाधनों और अद्भुत पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता था, अब भारत के सबसे बड़े सोने के खजाने की खोज के लिए भी चर्चा में आ गया है। खनिज संसाधनों की खोज के दौरान यहां सोने के विशाल भंडारों की पहचान की गई है, जिससे यह राज्य जल्द ही सोने की खनन के मामले में देश का प्रमुख केंद्र बन सकता है। सवाल यह है कि ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना? और कौन से जिलों में पहली बार गोल्ड माइनिंग की नीलामी होने जा रही है। आइए जानते हैं इस सोने की खोज से जुड़े तमाम पहलुओं को।

ओडिशा में सोने की खोज: भारत के खजाने की नई पहचान

हाल ही में ओडिशा के कई जिलों में सोने के बड़े भंडारों की पहचान की गई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकते हैं। खनन मंत्री बिभूति भूषण जेना ने ओडिशा विधानसभा में इन निष्कर्षों की पुष्टि की, और बताया कि सुंदरगढ़, नबरंगपुर, अंगुल और कोरापुट जिलों में सोने के बड़े भंडारों की पहचान हुई है। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, जिसे अब खोजा जा रहा है और इसके व्यावसायिक उपयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

गोल्ड माइनिंग की पहली नीलामी: देवगढ़ में ऐतिहासिक कदम

ओडिशा सरकार ने देवगढ़ जिले में सोने के खनन ब्लॉक की नीलामी करने की तैयारी शुरू कर दी है। यह राज्य के खनिज इतिहास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर होगा। पहले कभी ओडिशा में सोने के खनन की नीलामी नहीं हुई थी, लेकिन अब ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, जो जल्द ही दुनिया के सामने आएगा। देवगढ़ के अदासा-रामपल्ली क्षेत्र में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने तांबे के लिए जी-2 स्तर की खोज के दौरान सोने के भंडार की पहचान की थी, और अब इसकी नीलामी की योजना बनाई जा रही है।

किस जिलों में हैं सोने के भंडार?

ओडिशा के विभिन्न जिलों में सोने के भंडारों की पहचान की गई है। इनमें से कुछ प्रमुख जिले हैं:

  • सुंदरगढ़: इस जिले में बड़े सोने के भंडार पाए गए हैं, जो राज्य के लिए सोने की खनन के अवसरों को और बढ़ाते हैं।

  • नबरंगपुर: सोने की संभावित खानों की पहचान इस जिले में भी की गई है, जहां जल्द ही खनन की शुरुआत हो सकती है।

  • अंगुल और कोरापुट: इन जिलों में भी सोने के भंडारों की पहचान की गई है, जो राज्य को आर्थिक रूप से और मजबूत बना सकते हैं।

  • देवगढ़: यहां नीलामी के लिए खनन ब्लॉक तैयार हो रहा है, जो ओडिशा में पहली बार सोने की खनन प्रक्रिया की शुरुआत करेगा।

ओडिशा के सोने के खजाने की आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

ओडिशा में सोने के भंडारों की खोज से राज्य की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा उछाल आने की संभावना है। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, जिससे सोने की खदानों की खोज और खनन की प्रक्रिया शुरू होने पर बड़े निवेश आने की उम्मीद है। इसके साथ ही, इस खनन प्रक्रिया से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का विकास होगा।

ओडिशा का यह कदम भारत के सोने के उत्पादन में बड़े बदलाव का प्रतीक हो सकता है। यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि भारत को भी सोने की मांग पूरी करने में आत्मनिर्भर बना सकता है। सोने की खदानों की नीलामी और इसके व्यावसायिक उत्पादन से ओडिशा जल्द ही भारत का सोने का प्रमुख स्रोत बन सकता है।

ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना

सोने की खोज से जुड़े अन्य जिले और संभावनाएं

इसके अलावा, मयूरभंज जिले में जारी अन्वेषण में जशिपुर, सूरियागुडा, रुआंसी, इडेलकुचा, मारेदिही, सुलेपत और बादामपहाड़ जैसे क्षेत्रों में सोने के भंडार पाए जाने की संभावना है। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, और इन क्षेत्रों में सोने के भंडार की पुष्टि होने पर और भी ज्यादा खनन की संभावना बन सकती है।

मलकानगिरी, संबलपुर और बौध जैसे जिलों में भी सोने की खानों की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। जीएसआई और ओडिशा खनन निगम के वैज्ञानिक इन क्षेत्रों में और जांच कर रहे हैं, ताकि यहां के सोने के भंडारों का सही-सही आकलन किया जा सके। क्योंझर जिले के गोपुर-गाज़ीपुर, मंकडचुआं, सालेकाना और दिमिरीमुंडा जैसे इलाकों में भी सोने की खोज जारी है।

ओडिशा का सोने का खजाना: निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

ओडिशा में सोने के भंडारों की खोज से न केवल राज्य सरकार, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक सुनहरा अवसर है। सोने की खनन प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, जिससे आने वाले समय में खनन उद्योग में बड़ा निवेश देखने को मिल सकता है। यह खनन न केवल आर्थिक वृद्धि का माध्यम बनेगा, बल्कि इससे ओडिशा को एक नए औद्योगिक युग की शुरुआत करने में मदद मिलेगी।

भविष्य की योजनाएं और अन्वेषण

ओडिशा सरकार सोने की खदानों की खोज को लेकर गंभीर है और आगे की खोज और अन्वेषण की योजना पर भी काम कर रही है। मयूरभंज, देवगढ़ और क्योंझर जिलों में जारी अन्वेषण से और भी नए सोने के भंडारों की पहचान हो सकती है। इन खोजों के बाद खनन की प्रक्रिया को और तेज़ किया जाएगा, जिससे ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना पूरी तरह से सामने आ सके।

जीएसआई देवगढ़ के जलाधिही क्षेत्र में तांबे और सोने की खोज कर रहा है, जिसके परिणाम जल्द ही आने की उम्मीद है। क्योंझर के गोपुर-गाज़ीपुर क्षेत्र में सोने की मात्रा के आकलन के बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह राज्य के लिए एक बड़ा आर्थिक बदलाव होगा, जो इसे भारत के खनन उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा।

ओडिशा के सोने का भविष्य

जैसे-जैसे सोने की खोज और खनन प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, ओडिशा राज्य का आर्थिक परिदृश्य भी बदलने वाला है। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, और इसके माध्यम से न केवल राज्य का विकास होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा। नीलामी, अन्वेषण और खनन की इस पूरी प्रक्रिया से ओडिशा जल्द ही सोने का प्रमुख खनन केंद्र बन सकता है, और यह राज्य भारत के सोने के उत्पादन में अहम भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

ओडिशा में सोने के भंडारों की खोज से यह राज्य न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होगा, बल्कि भारत के खनन उद्योग में भी एक नया आयाम जोड़ने वाला है। ओडिशा में दबा है भारत का सबसे बड़ा सोने का खजाना, और इसकी खोज और नीलामी प्रक्रिया से सोने के खनन में नए अवसर पैदा होंगे।

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